देहरादून। शिकायतबाजी के फेर में एक बार फिर विद्यार्थियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया गया है। शिक्षा का अधिकार कानून (आरटीई) के तहत जूनियर हाई स्कूलों में आउटसोर्स से रखे जाने वाले शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया फिलवक्त के लिए रोक दी गई है। इस कारण 450 विद्यालयों में म्यूजिक, आर्ट और व्यायाम शिक्षकों की तैनाती अटक गई है।
इन शिक्षकों की तैनाती आरटीई के अंतर्गत 200 से ज्यादा विद्यार्थी संख्या वाले जूनियर हाईस्कूलों में की जानी है। प्रदेश के ऐसे 450 जूनियर हाईस्कूल हैं। कुल 1250 शिक्षकों की नियुक्ति आउटसोर्स एजेंसियों के माध्यम से होनी है। सत्र के चार माह के बाद भी तैनाती नहीं हो सकी है। जबकि मई-जून में इसके लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू हुई थी। शिकायतबाजी के चक्कर में सारा प्रोसेस रोक दिया गया है।
बताया गया कि एक एजेंसी ने जीरो परसेंट पर काम करने का आफर दिया है। शिक्षा विभाग इसके लिए राजी नहीं हुआ। महकमे के अफसरों की चिंता गुणवत्ता को लेकर है। साथ ही एजेंसी द्वारा दिए जाने वाले शिक्षकों के शोषण की भी संभावना दिख रही है। लेकिन सबसे न्यूनतम रेट के फेर में टेंडर उसी एजेंसी को जाता दिख रहा है। वहीं टेंडर में गड़बड़ी की शिकायत शीर्ष तक पहुंच गई है। जिसके चलते विद्यालयी शिक्षा निदेशालय ने टेंडर प्रक्रिया ही रोक रखी है।
लैप्स हो सकता धन
देहरादून। आरटीई के तहत विद्यालयों में आउटसोर्स से रखे जाने वाले शिक्षकों के वेतन आदि की राशि खर्च नहीं होने पर लैप्स होने का खतरा है। इन शिक्षकों की तैनाती जुलाई में हो जानी चाहिए थी। परंतु अभी तक अटकी हुई है। महकमे के अधिकारी फिलहाल अभी इससे पूरी तरह निश्चिंत बने हुए हैं।
•450 जूनियर हाई स्कूलों में रखे जाने हैं 1250 शिक्षक
•200 से ज्यादा छात्र संख्या वाले स्कूलों में होगी तैनाती
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