Thursday, 22 September 2011

शोध को इग्नू देगा सहायता राशि

अनिल उपाध्याय, देहरादून- अब शोध के साथ ही शिक्षण को एक सप्ताह में कम से कम आठ घंटे का समय देने वाले क्षमतावान युवाओं को इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (इग्नू) सहायता राशि प्रदान करेगा।
तीन साल की अवधि के लिए दी जाने वाली फैलोशिप के लिए चुने गए युवाओं को इग्नू 18 से 20 हजार रुपये मासिक का भुगतान करेगा। यह फैलोशिप इग्नू के रिसर्च एंड टीचिंग अस्सिटेंटशिप प्रोग्राम के तहत प्रदान की जाएगी। इसके लिए विवि ने आवेदन प्रक्रिया शुरू कर दी है। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग से नए अधिनियम के तहत पीएचडी व एमफिल के लिए हरी झंडी मिलने के बाद इग्नू ने बेहतर क्षमताओं वाले युवाओं के लिए रिसर्च एंड टीचिंग अस्सिटेंटशिप प्रोग्राम की शुरुआत की है। इस प्रोग्राम के तहत उन्हें पीएचडी प्रोग्राम के साथ-साथ कम से कम आठ घंटे प्रति सप्ताह शिक्षण कार्य को देने होंगे। इस प्रोग्राम के तहत प्रथम श्रेणी में पोस्ट ग्रेजुएट छात्रों को तीन साल के लिए 18 से 20 हजार रुपये मासिक फैलोशिप प्रदान की जाएगी। विश्वविद्यालय ने आवेदन प्रक्रिया शुरू कर दी है। प्रोग्राम के लिए आवेदन करने वाले युवाओं की आयु 25 साल से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। आयु का निर्धारण 30 सितंबर, 2011 के आधार पर किया जाएगा। वहीं, अनुसूचित जाति/जनजाति/शारीरिक रूप से विकलांग श्रेणी के उम्मीदवारों को आयु सीमा में पांच साल की राहत दी जाएगी। इस प्रोग्राम के लिए आवेदन सीधे इग्नू की रिसर्च यूनिट में करना होगा। आवेदन की अंतिम तिथि 10 अक्टूबर रखी गई है।
इस प्रोग्राम का उद्देश्य शोध व शिक्षण कार्य के प्रति युवाओं में रुझान पैदा करना है। विवि की मानें तो देशभर के उच्च शिक्षण संस्थानों में शिक्षकों की कमी और शोध के प्रति कम होते रुझान में इस कार्यक्रम से कमी आएगी। इग्नू के क्षेत्रीय निदेशक डॉ. अनिल डिमरी का कहना है कि इस प्रोग्राम के तहत चुने गए युवा इग्नू के मुख्यालय में विभिन्न स्कूलों में शिक्षण कार्य करने के साथ शोध कर सकेंगे। उन्होंने बताया कि तीन साल के लिए मिलने वाली सहायता का वार्षिक आधार पर रिव्यू भी होगा। अंतिम यानी तीसरे वर्ष में प्रदर्शन को देखते हुए मिलने वाली सहायता राशि को 18 हजार से बढ़ाकर 20 हजार रुपये प्रतिमाह किया जा सकता है।

1 comment:

  1. anil ji ka shodhparak aalekh.....jaankaari ke sath-sath utsaahvardhak bhi hai.....
    dhanyawad...

    ReplyDelete