Wednesday, 21 September 2011

मेजर साहब, बेरोजगार छात्र परेशान हैं ..

कौन सुने फरियाद
- ग्र्रुप सी की दूसरे चरण की परीक्षाएं 25 सितंबर को
- हजारो छात्र होंगे शामिल
- नहीं मिले छात्रों को प्रवेशपत्र
- प्रवेश पत्र डाउनलोड लिंक भी बंद
- मुख्यमंत्री का आदेश-अधिकारी हर हाल में उठाएं फोन- भी बेअसर
pahar1-इसे अव्यवस्था कहें या कुछ और परीक्षा के नाम पर करोड़ों रुपये उगाह लेने के बावजूद उत्तराखंड बोर्ड आफ टेक्निकल एजुकेशन रुड़की ने परीक्षा को सुचारु रूप से कराने का कोई प्रयास नहीं किया।
न ही उसने पहले चरण की अव्यवस्थाओं से कोई सबक लिया, नतीजतन दूसरे चरण की परीक्षा देने जा रहे लाखों छात्र परेशानी में घिर गए है।
उत्तराखंड समूह ग के दूसरे चरण के 3, 15, 12, 16 ग्र्रुप की परीक्षा 25 सिंतबर को होनी है, लेकिन छात्रों को आज तक प्रवेश पत्र प्राप्त नहीं हुए हैं। प्रवेश पत्र को डाउनलोड करने लिए बताया गया लिंक http://www.ubter.in/ADMITCARD/ENTERNO.ASPX भी बंद है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि मुख्यमंत्री मेजर भुवनचंद्र खंडूरी ने आदेश दिया था कि अधिकारी हर हाल में फोन रिसीव करेंगे, लेकिन उनके आदेश को दरकिनार कर दिया गया है। बोर्ड द्वारा मुहैया कराए गए दो फोन नंबर 1332-276370,276371 अधिकारी उठाते ही नहीं।
अब मेजर साहब ही कुछ रास्ता निकालें तो शायद छात्रों को कुछ राहत मिले।


3 comments:

  1. Keep quite. Don't say anything about unemplyment, development and other major issues which were the main factors behind creation of Uttarakhand. General sahab is busy in iradicating corruption from the state. It is his one point programme and agenda. No matter what he and his Sarangi, umesh Agrawal, Yogendra Prasad had done during his tenure. Hope he will take action against them also.

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  2. क्या बात करें और किससे करें भाई जान जिस लाईन में आज हमारे भाई बहिनें खडें हैं ठीक इस पंक्ति में कभी हम भी खडे रहे हैं। इस बात का गवाह वह घूरता सूरज है। भाई जान उत्तराखंड एक ऐसा राज्य है जहां मेजर तो रहे पीएम साहब आकर भी बैठ जाएं तो वह इस उत्तराखंड की संस्कृति में ढल जाएंगे क्या करें जब अपना ही सिक्का खोता हो तो.....
    भले सीएम साहब क्या कर लेंगे आज का युवा वर्ग से पूछा जाए तो वो खुद नहीं जानते की सीएम साहब कहां के हैं, और जो कुछ भी सीएम साहब ने लोगों को अपने बारे में बताया है तो वहां भी राजनीति में आकर जब तक सीएम साहब आर्मी में रहे तो कह दे जरा कोई युवा की हमारे पहाड से भी कोई मेजर साहब हैं या फिर किसी भाई जान को याद है।
    ठीक है हम मानते हैं कि सीएम साहब ईमानदार हैं पर साहब ईमानदार का मतलब है नहीं की वह ईमानदारी अपनों के साथ नहीं दिखाई जाए। और अब निशंक साहब को ही ले लो....
    कुल मिलाकर भाई जान हम तो कहते हैं कि यह उत्तराखंड है जो भ्रष्टाचार के मामले में अब यूपी को भी मात देता जा रहा है।

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