Wednesday, 8 June 2011

मायावती की हां-ना पर टिकी रणनीति

भ्रष्टाचार और कालेधन के मुद्दे पर केंद्र सरकार को हिलाने के लिये बाबा रामदेव का आंदोलन अब नोएडा पर केंद्रित हो सकता है। आंदोलन के नए ठिकाने को उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती की हां-ना का इंतजार है। महत्वपूर्ण बात यह है कि उत्तर प्रदेश के गृह सचिव का कहना है कि अगर बाबा रामदेव की तरफ से इस तरह का कोई अनुरोध किया जाता है तो सरकार इस पर विचार करेगी। रविवार को दिल्ली और उप्र सीमा से लौटाए जाने के बाद बाबा ने फिलहाल पतंजलि योगपीठ, हरिद्वार में अपना अनशन जारी रखा हुआ है लेकिन उनका मन नोएडा में ही लगा है। रविवार के बाद सोमवार को भी उन्होंने पत्रकारों और अपने कार्यकर्ताओं, समर्थकों से बातचीत में इस मुद्दे पर उप्र की मुख्यमंत्री से एक-दो दिन में बात करने की इच्छा दोहराई। जब उनसे ये जानना चाहा गया कि क्या उनकी बात बसपा सुप्रीमो मायावती से हुई, तो उनका जवाब था कि नहीं। साफ है कि मायावती की 'हांÓ होना अभी बाकी है और बाबा को उसका बेसब्री से इंतजार है क्योंकि यह उनके आंदोलन को धार देने का नया जरिया बन सकती है। हालांकि इस बीच ये भी चर्चा रही कि बाबा ने आंदोलन को हरियाणा में अपने पैतृक निवास स्थान पर चालू करने की सोची लेकिन हरियाणा की हुड्डा सरकार के इनकार से यह बात सोच से आगे न बढ़ सकी। इसके बाद बाबा रामदेव के लिए अपनी लड़ाई को जारी रखने के लिए नोएडा ही एकमात्र विकल्प बचता है। वैसे भी बाबा रामदेव ने रविवार को इस बात का खुला ऐलान किया था कि उनका आंदोलन दिल्ली के आस-पास दिल्ली की ही तरह तर्ज पर चलाया जाएगा। कहां, ये उन्होंने बाद में बताने को कहा था। अपनी इसी इच्छा को लेकर रविवार शाम उत्तराखंड के मुख्यमंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक से लगभग एक घंटे की एकांत वार्ता के बाद वे अचानक से सड़क मार्ग द्वारा दिल्ली की ओर निकल भी पड़े थे। हालांकि कुछ घंटों बाद उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर प्रशासन द्वारा लौटाए जाने के बाद बाबा ने देर शाम पतंजलि योगपीठ में यह कहते हुए अपना अनशन फिर से शुरू कर दिया कि एक-दो दिन वे मायावती से बात करने के बाद नोएडा जायेंगे। इतना सब होने के बाद भी बाबा ने बसपा के प्रति काफी नरम रुख अपनाया हुआ है। जाहिर है कि बसपा या मायावती के खिलाफ बोलकर वे अपने आंदोलन की नई रणनीति को बनने से पहले बिगडऩे नहीं देना चाहते। उधर, लखनऊ के मुताबिक उत्तर प्रदेश के गृह सचिव दीपक कुमार ने कहा है कि अगर बाबा रामदेव की तरफ सेउप्र में अनशन करने का कोई अनुरोध पत्र राज्य सरकार को दिया जाता है तो सरकार उस पर विचार करेगी। उन्होंने कहा कि अभी तक बाबा रामदेव ने उप्र सरकार को कोई अनुरोध पत्र नहीं दिया है। इस सवाल पर कि उन्हें फिर कल मुजफ्फरनगर जिले से क्यों वापस लौटा दिया गया, नोएडा में उन्हें अनशन शुरू करने की अनुमति क्यों नहीं दी गई, गृह सचिव ने कहा कि रविवार को बाबा को वापस करने का फैसला मुजफ्फरनगर प्रशासन का था। मुजफ्फरनगर प्रशासन ने उन्हें स्पष्ट किया कि धरना-प्रदर्शन के लिए यहां पूर्व अनुमति जरूरी होती है, बिना पूर्व अनुमति के कोई धरना शुरू नहीं कर सकता। इसके बाद बाबा रामदेव लौट गए थे। इसके बाद से अभी तक बाबा रामदेव की ओर से प्रदेश में अनशन करने को लेकर कोई आग्रह नहीं किया गया है। इस सवाल पर कि बाबा रामदेव ने क्या मुख्यमंत्री से कोई बात की है, गृह सचिव दीपक कुमार का कहना था कि उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है। वह सिर्फ इतना कह सकते हैं कि बाबा रामदेव की ओर से कोई आवेदन आता है तो उस पर विचार किया जाएगा।

1 comment:

  1. loktanta me yah durbhagyapoorn hai ki janta ko anshan ke liye sarkaar ya prashasan se anumati leni pad rahi hai..

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