Thursday, 23 June 2011

देवप्रयाग में मिलीं 65 साल पुरानी रोटियां

देवप्रयाग में नक्षत्र वेधशाला की खुदाई की दौरान 65 वर्ष पुरानी रोटियां मिली हैं। ये रोटियां चूल्हे पर बनी और तवे पर सेकी गई हैं। देवप्रयाग में आजकल वेधशाला का जीर्णोद्धार चल रहा है। वेधशाला का निर्माण 1946 में किया गया था। यहां नक्षत्रों की जानकारी के लिए दूरबीन स्थापित की गई थी। जीर्णोद्धार के दौरान खुदाई करते समय भवन के नीचे उर्मिला बगराड़ी व सुलोचना को कुछ रोटियां जमीन में मिलीं। आस-पास के लोग रोटियों को देखने के लिए एकत्र हो गए। उल्लेखनीय है कि इन रोटियों में न फफूंद लगी और न ही जमीन के नीचे के कीटों ने इन रोटियों को नुकसान पहुंचाया है। रोटियां ताजी हैं। इनको तवे और चूल्हे पर बनाने के संकेत मिल रहे हैं। नक्षत्र वेधशाला की आजकल योगाचार्य भास्करानन्द द्वारा खुदाई व जीर्णोद्धार किया जा रहा है। फिलहाल इन रोटियां का सम्बन्ध 65 साल पुराना होने से लोगों में कौतूहल है कि इतने वर्ष पुरानी ये रोटियां जमीन के नीचे कैसे सुरक्षित रह गई।

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