Thursday, 18 June 2009
सुविधाएं मिले तो चमकेंगे सितारे
अंतर्राष्ट्रीय धावक सुरेंद्र भंडारी से बातचीत
-लंबी व मध्यम दूरी में उत्तराखंड के युवाओं का भविष्य उज्जवल
'उत्तराखंड एक्सप्रेस' के नाम से मशहूर अंतर्राष्ट्रीय धावक सुरेंद्र भंडारी सूबे में प्रतिभाओं के आगे न आने पर चिंतित हैं। उनका मानना है कि उत्तराखंड के युवाओं की कद काठी लंबी व मध्यम दूरी के धावक बनने के लिए बिल्कुल मुफीद हैं। लेकिन जरूरत है उन्हें निखारने और मूलभूत सुविधाएं मुहैया कराने की। यहां के युवाओं को अगर ये सुविधाएं मिल जाएं तो वह दिन दूर नहीं जब उत्तराखंड के युवा अंतर्राष्ट्रीय फलक पर अपनी चमक बिखेरने में कामयाब होंगे। राष्ट्रीय रिकार्डधारी सुरेंद्र को राज्य सरकार से सम्मान मिलने पर संतोष तो है, लेकिन अन्य प्रदेशों की तुलना में देर से सम्मान मिलने की टीस भी है।
उत्तराखंड के चमोली जिले के गैरसैंण में जन्में सुरेंद्र मंगलवार को राजधानी में आयोजित सम्मान समारोह में शिरकत करने पहुंचे। इस दौरान अनौपचारिक बातचीत में सुरेंद्र ने कहा कि सूबे के ग्रामीण अंचलों में प्रतिभाओं की कमी नहीं है। पहाड़ी क्षेत्र होने के कारण यहां के बच्चों का कार्डियोवैस्कुलर सिस्टम लंबी व मध्यम दूरी के धावकों के लिए मुफीद है। सुरेंद्र का मानना है कि उत्तराखंड में काफी प्रतिभाएं हैं, लेकिन सुविधाओं की कमी के चलते वे आगे नहीं आ पाती। सूबे में अभी तक एक भी चार सौ मीटर का ट्रैक नहीं बनाया जा सका है। एथलैटिक्स में अफ्रीकी देशों के आगे रहने के सवाल पर उनका कहना है अफ्रीकी धावक जेनिटिकली काफी मजबूत होते है, जिसके चलते लंबी व मध्यम दूरी में उनका दबदबा रहता है।
सूबे में प्रशिक्षकों की कमी को लेकर भी सुरेंद्र काफी खफा दिखे। राज्य सरकार की ओर से देर से सम्मानित किए जाने पर उनका कहना है कि सरकार ने उन्हें यह सम्मान थोड़े पहले दिया होता तो ज्यादा अच्छा होता। क्योंकि इस प्रकार के सम्मान से खिलाडिय़ों का मनोबल बढ़ता है। कॉमनवेल्थ गेम्स की तैयारी में जुटे सुरेंद्र का अगला लक्ष्य 2012 में होने वाले लंदन ओलंपिक में देश को पदक दिलाना है।
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