Saturday, 20 June 2009

श्रीनगर मेडिकल कालेज: नए सत्र की मान्यता नहीं

राज्य सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट श्रीनगर मेडिकल कालेज को इस बार मेडिकल काउंसिल आफ इंडिया (एमसीआई) ने तगड़ा झटका दिया है। कालेज को नए सत्र के लिए मान्यता नहीं दी गई है। राज्य सरकार अब इस मामले में रिव्यू का अनुरोध करेगी। उधर, फारेस्ट हास्पिटल ट्रस्ट मेडिकल कालेज हल्द्वानी व दून के एसजीआरआर मेडिकल कालेज को एमसीआई ने हरी झंडी दिखा दी है। श्रीनगर में वीर चंद्र सिंह गढ़वाल आयुर्विज्ञान शोध संस्थान (मेडिकल कालेज) को दूसरे वर्ष मान्यता देने के लिए एमसीआई ने इसी माह के पहले हफ्ते दौरा किया था। सूत्रों के मुताबिक एमसीआई ने कालेज में 36 फीसदी डेफिसिएंसी पाई। कालेज में फैकल्टी के 13 पद रिक्त थे। सिर्फ 97 फैकल्टी ही जुटाई जा सकी। सीनियर रेजीडेंट के चार विशेषज्ञों के पद भी भरे नहीं जा सके। राज्य सरकार के मुताबिक डेफिसिएंसी सिर्फ 15 फीसदी है और दस फीसदी की छूट एमसीआई से मिलती है। सरकार व कालेज प्रशासन को लैटर आफ परमिशन तो हासिल नहीं हुआ, साथ ही इस मामले में रिव्यू की अवधि भी समाप्त हो चुकी है। रिव्यू की अवधि 15 जून थी। यह अवधि बीतने से राज्य की मुसीबत बढ़ गई है। राज्य के अनुरोध को एमसीआई ने दरकिनार किया तो उसे सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ सकता है। एमसीआई के रुख से कालेज के समक्ष संकट खड़ा हो गया है। कालेज में प्रवेश प्रक्रिया बाधित हो गई है। संपर्क करने पर चिकित्सा शिक्षा अपर सचिव एनके जोशी ने कहा कि एमसीआई से श्रीनगर मेडिकल कालेज को एलओपी नहीं मिलने पर इस मसले को रिव्यू में डाला जाएगा। राज्य इस संबंध में केंद्र सरकार व एमसीआई से अनुरोध किया जाएगा। उधर, फारेस्ट हास्पिटल ट्रस्ट मेडिकल कालेज हल्द्वानी व दून के एसजीआरआर मेडिकल कालेज को एमसीआई ने हरी झंडी दिखा दी है। एसजीआरआर मेडिकल कालेज को चौथे वर्ष के लिए हरी झंडी मिली है।

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