Sunday, 21 June 2009
राज्य आंदोलनकारियों को तीन हजार की पेंशन
नियमावली को मु2यमंत्री की मंजूरी, शासनादेश की तैयारी
सरकार ने उन सभी आंदोलनकारियों को हर माह तीन हजार रुपये पेंशन देने का फैसला किया है, जिन्होंने सरकारी नौकरी ठुकरा दी या उम्र अधिक होने के कारण वे नौकरी करने में असमर्थ हो गए। मु2यमंत्री भुवनचंद्र खंडूरी ने संबंधित नियमावली को मंजूरी दे दी। जल्द ही इसका जीओ जारी हो जाएगा।प्रमुख सचिव (मु2यमंत्री और गृह) सुभाष कुमार ने बताया कि सरकार ने राज्य आंदोलनकारियों को सरकारी नौकरी की पेशकश की थी। ज्यादातर ने इसे स्वीकार कर नौकरी शुरू कर दी, पर कई ऐसे भी थे जिन्होंने नौकरी करना पसंद नहीं किया। ऐसे लोगों के लिए सरकार ने राहत के तौर पर पेंशन देने का फैसला किया है। आंदोलनकारियों की पहचान के लिए कट ऑफ इयर १९७९ तय की गई है। सरकार में भाजपा की सहयोगी यूकेडी का यह एक प्रकार से एजेंडा था।
सरकार ने उन आंदोलनकारियों को भी मदद करने का फैसला किया है, जिन्हें कम दिखाई या सुनाई देता है या जो दांत खराब होने से परेशान हैं, को सरकार उचित इलाज मुहैया कराने के साथ ही जरूरी उपकरण भी मु3त देगी। सरकार ऐसे आंदोलनकारियों को भी चिह्नित करने में जुटी है, जो आंदोलन के दौरान जेल गए थे या पुलिस उत्पीडऩ को सहा, लेकिन उनका नाम रेकॉर्ड में दर्ज नहीं है। शासन ने जिलाधिकारियों से ऐसे लोगों की सूची तलब की है।
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