Tuesday 30 June 2009

=उत्तराखंड में पहुंचा मानसून

इस बार प्री-मानसून की बारिश से अछूता रहा सूबा - सोमवार को प्रदेश के लगभग सभी हिस्सों में हुई बारिश - हिमाचल से लगे क्षेत्रों में आज-कल में हो सकती है वर्षा - अगले 48 घंटों में राज्य में हल्की से मध्यम वर्षा के आसार देहरादून, उत्तराखंड में मानसून ने दस्तक दे दी है। मौसम विभाग ने सोमवार को बाकायदा इसकी घोषणा भी कर दी। इस बीच प्रदेश के लगभग सभी हिस्सों में मेघ जमकर बरसे। हिमाचल प्रदेश से लगे कुछेक क्षेत्रों में मानसूनी बारिश नहीं हुई है, लेकिन वहां भी जल्द ही इसकी संभावना है। मौसम विभाग का कहना है कि अगले 48 घंटों में राज्यभर में हल्की से मध्यम वर्षा के आसार हैं। कुमाऊं क्षेत्र में ज्यादा बारिश हो सकती है। प्री-मानसून की बारिश न होने से उत्तराखंड में सूखे जैसे हालात पैदा हो गए थे। इस बीच बीते शनिवार को मौसम के करवट बदलने के साथ ही बादलों ने सूबे पर मेहरबानी बरसानी प्रारंभ कर दी। रविवार और फिर सोमवार को तड़के भी प्रदेश के करीब-करीब सभी हिस्सों में अच्छी वर्षा हुई। इसने गर्मी से त्रस्त लोगों को खासी राहत प्रदान की है, वहीं किसानों के मुरझााए चेहरों पर मुस्कान लौटी है। इस बीच सोमवार को मौसम विभाग ने राज्य में मानसून के आगमन की घोषणा भी कर दी। हालांकि, पहले इसके जुलाई के पहले हफ्ते में आने की संभावना जताई जा रही थी। राज्य मौसम केंद्र के निदेशक डा.आनंद शर्मा ने बताया कि 28/29 जून की रात मानसून की पहली बारिश हुई। मानसून के अनुमानित समय से पहले पहुंचने पर उन्होंने कहा कि अचानक हवाओं की रफ्तार बढऩे से मानसून की गति भी बढ़ गई। डा. शर्मा ने बताया कि राज्य में मानसून के आगमन का समय जून का तीसरा हफ्ता या चौथे हफ्ते की शुरुआत है। इस बार यह चौथे सप्ताह के अंत में यहां पहुंचा है। पिछले साल मानसून ने निर्धारित समय से करीब एक सप्ताह पहले दस्तक दे दी थी। राज्य मौसम केंद्र के निदेशक डा.शर्मा ने बताया कि अभी सिस्टम लगातार बना रहेगा। अगले 48 घंटों में उत्तराखंड में कहीं हल्की तो कहीं मध्यम वर्षा के आसार हैं। कुमाऊं के मैदानी क्षेत्रों में मूसलाधार बारिश हो सकती है। बीते पांच सालों में मानसून का आगमन वर्ष तिथि 2005 26 जून 2006 29 जून 2007 16 जून 2008 13 जून 2009 29 जून सोमवार को सूबे में हुई बारिश (मिमी.में) देहरादून-57, उत्तरकाशी-41, मरोड़ा (पौड़ी)-83, देवप्रयाग-13, ऋषिकेश-30, हरिद्वार-16, रुद्रप्रयाग-8, कर्णप्रयाग-6, ऊखीमठ-20, काशीपुर-15, सितारगंज-30, श्रीनगर-5, कोटद्वार-19, नरेंद्रनगर-39, नैनीताल-12, पिथौरागढ़-35, टिहरी-8, मुक्तेश्वर-12, पंतनगर-9।

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