Thursday, 11 August 2011
एनआइटी को नहीं मिल रहे छात्र
, श्रीनगर- श्रीनगर एनआइटी छात्रों के प्रवेश के लिए तरस रहा है। सूबे के एकमात्र एनआइटी में प्रवेश लेने के लिए छात्र दिलचस्पी नहीं ले रहे हैं। इस साल प्रवेश के लिए पांच बार काउंसिलिंग होने के बाद भी निर्धारित सीटों के सापेक्ष आधी सीटें ही भरी जा सकी हैं।
एनआइटी की व्यवस्थाओं को देख अभी तक नौ छात्र अपना प्रवेश निरस्त करा चुके हैं।
श्रीनगर स्थित राष्ट्रीय तकनीकी संस्थान (एनआइटी) का अपना भवन व परिसर न होने से यहां के छात्रों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। मानव संसाधन विकास मंत्रालय भारत सरकार से 30 अक्टूबर 2009 को स्वीकृति मिलने के बाद 21 जुलाई 2010 से अस्थाई रूप से श्रीनगर पॉलीटेक्निक के परिसर में चल रहा है। एनआइटी के लिए चयनित भूमि सुमाड़ी में अभी तक वन विभाग से भूमि के लिए स्वीकृति नहीं मिल पाई है। इससे अभी तक संस्थान के स्थायी परिसर का निर्माण कार्य शुरू नहीं हो पाया है। एनआइटी श्रीनगर में वर्तमान में इलेक्ट्रीकल, इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन व कम्प्यूटर साइंस समेत तीन ट्रेडों की पढ़ाई चल रही है। तीनों ट्रेडों में तीस-तीस सीटें यानि 90 सीटें उपलब्ध हैं। सत्र 2010-11 में इन तीनों ट्रेडों में कुल 76 छात्रों ने प्रवेश लिया। यहां की व्यवस्थाओं को देख कुछ समय बाद 13 छात्रों ने अपने प्रवेश वापस ले लिए थे। सत्र 2011-12 में तो पांच बार काउंसिलिंग कराने के बावजूद 40 छात्रों ने ही प्रवेश लिया है। 9 छात्रों ने तो प्रवेश लेने के कुछ ही दिन बाद अपने प्रवेश वापस ले लिए थे। छात्र मुख्य रूप से छात्रावास, प्रयोगशाला व अनुभवी फैकल्टी के न होने से यहां प्रवेश नहीं ले रहे हैं। सूत्रों की मानें तो मार्च में प्रदेश सरकार से एनआइटी ने छात्रावास उपलब्ध कराने की मांग की थी, लेकिन प्रदेश सरकार ने मामले में कोई ठोस पहल न करने से इसका खामियाजा अब छात्रों व एनआइटी को भुगतना पड़ रहा है।
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