Wednesday, 16 December 2009
---पांच पुलिसकार्मिकों को पीएम का जीवनरक्षा पदक
-गुजरात में होने वाले समारोह में किया जाएगा सम्मानित
देहरादून,
उत्तराखंड के पांच पुलिसकार्मिकों को प्रधानमंत्री के
जीवनरक्षा पदक के लिए चुना गया है। इन सभी को गांधीनगर गुजरात में होने वाले समारोह में सम्मानित किया जाएगा।
पुलिस मुख्यालय से प्राप्त जानकारी के मुताबिक हेड कांस्टेबल आशीष कुमार सिंह ने 22 मई 2008 में एवरेस्ट शिखर फतह करने के दौरान एक वियतनामी पर्वतारोही की जान बचाई। इस पर्वतारोही की आक्सीजन खत्म हो गई थी। आशीष ने तुरंत ही अपने सिलेंडर से उसे आक्सीजन दी। इस कार्य की प्रशंसा ज्वाइंट कमिश्नर ट्रैफिक, अहमदाबाद अतुल कुमार ने भी की थी। इसके अलावा 19 सितंबर 2009 को क्षेत्राधिकारी विकासनगर डा. हरीश वर्मा कां. नरेन्द्र पाल सिंह, रविन्द्र सिंह व गीतम सिंह के साथ रात्रिगश्त पर थे। उसी समय सूचना मिली कि जलालिया पीरघाट, विकासनगर के पास यमुना नदी में भयंकर बाढ़ आ जाने के कारण मजदूर फंस गए हैैं। फंसने वालों में मजदूरों के बच्चे और महिलाएं भी शामिल थींं। इस पर उन्होंने अपनी जान की परवाह न करते हुए बचाव कार्य शुरू किया। यमुना के टापू से 71 बच्चों, 47 महिलाओं और 55 पुरुषों को निकाला गया। उक्त कार्यों पर चारों पुलिसकार्मिकों को प्रधानमंत्री के जीवनरक्षा पदक के लिए चुना गया है। गुजरात पुलिस द्वारा 2 से 9 फरवरी 2010 को गांधीनगर में आयोजित होने वाली 53वीं आल इंडिया पुलिस ड्यूटी मीट के दौरान उन्हें पदक प्रदान किए जाएंगे। पदक के लिए चुने जाने पर डीजीपी सुभाष जोशी ने भी सभी को बधाई दी है। राज्य गठन के बाद दो अधिकारी-कर्मचारी प्रधानमंत्री का जीवनरक्षा पदक प्राप्त कर चुके हैैं, लेकिन यह पहला मौका है जब किसी राज्य के चार पुलिस कर्मियों व एक अधिकारी को एक ही वर्ष में यह पदक मिला हो।
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