Sunday, 24 April 2011
परीक्षा प्रक्रिया ही निरस्त कर दी
राज्य अवर अधीनस्थ सेवा परीक्षा 2010 का विज्ञापन भी रद्द
हरिद्वार। उत्तराखंड लोकसेवा आयोग की ओर से सम्मिलित राज्य अवर अधीनस्थ सेवा परीक्षा 2010 की पूरी प्रक्रिया निरस्त कर दी गई है। आयोग के सचिव कुंवर सिंह का कहना है कि सम्मिलित राज्य अवर अधीनस्थ सेवा परीक्षा 2010 का विज्ञापन 20 अप्रैल को निरस्त कर दिया गया।
22 अप्रैल को इसकी सूचना सार्वजनिक की गई। फार्म का मूल्य अभ्यर्थियों को लौटाए जाने के बारे में कोई निर्देश नहीं मिला है। उधर, आवेदन पत्र खरीदने वाले युवाओं का कहना है कि उनका पैसा हजम कर लिया गया है। आवेदन पत्र की बिक्री कर युवाओं की जेब से निकाला गया पैसा कौन लौटाएगा यह तय नहीं है। उत्तराखंड लोकसेवा आयोग की ओर से सम्मिलित राज्य अवर अधीनस्थ सेवा परीक्षा के लिए 29 मई 2010 को विज्ञापन निकाला गया था।
आवेदन पत्रों की बिक्री प्रमुख डाकघरों से शुरू हुई थी लेकिन इसी बीच इन पदों को लोकसेवा आयोग की परिधि से बाहर करने की मांग को लेकर बवाल हो गया। कई स्थानों से मांग उठी कि परीक्षा के लिए राज्य का मूल निवासी होने की शर्त लागू की जाए। 10 दिन बाद सरकार ने आवेदन की बिक्री पर रोक लगा दी। इस बीच उत्तराखंड और दूसरे प्रदेशों के युवा आवेदन पत्र खरीद चुके थे।
आयोग की ओर से सम्मिलित राज्य अवर अधीनस्थ सेवा परीक्षा 2010 का विज्ञापन 20 अप्रैल को निरस्त कर दिया गया है। 22 अप्रैल को इसकी सूचना सार्वजनिक की गई। फॉर्म का मूल्य अभ्यर्थियों को लौटाए जाने के बारे में निर्देश नहीं मिले हैं। - कुंवर सिंह, सचिव उत्तराखंड लोक सेवा आयोग
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