नैनीताल, हाइकोर्ट की खंडपीठ ने विशिष्ट बीटीसी भर्ती को लेकर जारी विज्ञप्ति के क्रियान्वयन पर रोक लगाने संबंधी एकल पीठ के आदेश पर रोक लगाने से इन्कार कर दिया है। कोर्ट के इस निर्णय के बाद फिलहाल विशिष्ट बीटीसी के पदों की भर्ती प्रक्रिया पर रोक जारी रहेगी।
हाइकोर्ट की एकल पीठ ने बीटीसी धारक अनिल कुमार पांडे व अन्य की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए प्राथमिक शिक्षक के पदों के लिए जारी विज्ञप्ति के क्रियान्वयन पर अंतरिम रोक लगा दी थी। उक्त याचिका में कहा गया था कि सरकार ने 14 दिसम्बर को 2253 पदों को भरने के लिए विज्ञप्ति जारी की थी। उक्त पदों को बीटीसी धारकों से भरा जाना चाहिए था, लेकिन सरकार ने बीटीसी धारकों के साथ ही अन्य डिग्री धारकों को भी इसमें शामिल कर दिया जो नियमानुसार गलत है। इधर, एकल पीठ के उक्त याचिका पर अंतरिम रोक लगाने के फैसले को अनूप कुमार व अन्य द्वारा विशेष अपील के जरिये खंडपीठ में चुनौती दी थी, जिसमें कहा गया था कि 23 अगस्त 2010 को नेशनल काउंसिल फॉर टीचर्स ट्रेनिंग की ओर से जारी आदेश में कहा गया था कि शिक्षक पात्रता परीक्षा में सफल अभ्यर्थी को ही प्राथमिक विद्यालयों में नियुक्ति दी जा सकती है। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति बारिन घोष व न्यायमूर्ति यूसी ध्यानी की खंडपीठ ने इस आधार पर विशेष अपील को खारिज कर दिया कि एकल पीठ द्वारा विज्ञप्ति के क्रियान्वयन पर अंतरिम रोक लगाई गई है और याचिका एकल पीठ में विचाराधीन है। ( स्रोत-दैनिक जागरण )
हाइकोर्ट की एकल पीठ ने बीटीसी धारक अनिल कुमार पांडे व अन्य की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए प्राथमिक शिक्षक के पदों के लिए जारी विज्ञप्ति के क्रियान्वयन पर अंतरिम रोक लगा दी थी। उक्त याचिका में कहा गया था कि सरकार ने 14 दिसम्बर को 2253 पदों को भरने के लिए विज्ञप्ति जारी की थी। उक्त पदों को बीटीसी धारकों से भरा जाना चाहिए था, लेकिन सरकार ने बीटीसी धारकों के साथ ही अन्य डिग्री धारकों को भी इसमें शामिल कर दिया जो नियमानुसार गलत है। इधर, एकल पीठ के उक्त याचिका पर अंतरिम रोक लगाने के फैसले को अनूप कुमार व अन्य द्वारा विशेष अपील के जरिये खंडपीठ में चुनौती दी थी, जिसमें कहा गया था कि 23 अगस्त 2010 को नेशनल काउंसिल फॉर टीचर्स ट्रेनिंग की ओर से जारी आदेश में कहा गया था कि शिक्षक पात्रता परीक्षा में सफल अभ्यर्थी को ही प्राथमिक विद्यालयों में नियुक्ति दी जा सकती है। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति बारिन घोष व न्यायमूर्ति यूसी ध्यानी की खंडपीठ ने इस आधार पर विशेष अपील को खारिज कर दिया कि एकल पीठ द्वारा विज्ञप्ति के क्रियान्वयन पर अंतरिम रोक लगाई गई है और याचिका एकल पीठ में विचाराधीन है। ( स्रोत-दैनिक जागरण )
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