देहरादून। आईकार्ड दिखाओ और मुफ्त में जाओ। जी हां, राज्य सरकार के फैसले से विश्वविद्यालय की छात्राओं को उत्तराखंड परिवहन निगम की बसों में अब यह सुविधा मिलेगी। वहीं भोजन माताओं के मानदेय में सरकार ने 500 रुपये का इजाफा करते हुए उन्हें अब हर महीने 1500 रुपये मानदेय देने का फैसला किया है।
मुख्य सचिव सुभाष कुमार ने कहा कि सरकार ने परिवहन निगम की बसों में मुफ्त सफर कर सकने वाली छात्राओं की सूची में भी संशोधन किया है। मंत्रिमंडल ने पहले जो प्रस्ताव पास किया था, उसमें विश्वविद्यालयों के साथ ही तकनीकी, मेडिकल की छात्राएं भी छूट गई थीं। सरकार ने अब इन्हें भी स्टूडेंट आई कार्ड दिखा कर निगम की बसों में मुफ्त सफर करने की मंजूरी दे दी है। वहीं भोजन माताओं का मानदेय बढ़ाने का प्रस्ताव भी मंत्रिमंडल ने पास कर दिया है। राज्य में भोजन माताओं की तादाद 32 हजार हैं। ऐसे में सरकार पर हर माह डेढ़ करोड़ से ज्यादा का वित्तीय बोझ बढ़ जाएगा। भोजन माताएं सरकार की जूनियर हाईस्कूलों में मिड डे मील योजना में कार्यरत हैं। वे स्कूल में दिन का खाना बना कर बच्चों को खिलाती हैं। उन्होंने बताया कि पारंपरिक वाद्ययंत्रों और उसके कलाकारों को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार ने गैरसैंण में प्रशिक्षण केंद्र स्थापित करने और सभी पारंपरिक कलाकारों को उनके वाद्य यंत्र (ढोल, दमाऊ, रणभेरी, मशकबीन) मुफ्त में देने का भी फैसला किया है। मंत्रिमंडल ने इसे मंजूरी दे दी है। प्रशिक्षण केंद्र को जमीन रेशम विभाग देगा। प्रशिक्षण भी मुफ्त होगा। सरकार को उम्मीद है कि इससे पारंपरिक वाद्य यंत्रों और कला को संजीवनी मिलेगी।
विधायकों को भी बेहतर चिकित्सा
देहरादून। विधायकों और पूर्व विधायकों को भी अब बेहतर चिकित्सा सुविधा हासिल होंगी। सरकार ने उन्हें भी उच्चतम श्रेणी के नौकरशाहों के समकक्ष चिकित्सा सुविधा देने का फैसला किया है। मंत्रिमंडल की बैठक में इसे कल मंजूरी मिल गई थी।
•भोजन माताओं को मिलेंगे अब 1500 रुपये हर माह
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