Friday, 9 December 2011

दिल्ली में भी उत्तराखंड की ई-सेवा शुरू

नई दिल्ली। -उत्तराखंड के मुख्यमंत्री भुवन चंद्र खंडूड़ी ने सोमवार को उत्तराखंड निवास में जनाधार ई-सेवा का शुभारंभ किया और कहा कि इस सेवा से उत्तराखंड एवं दिल्ली में रह रहे प्रवासी उत्तराखंडवासियों को आवश्यक प्रमाण-पत्र, इनमें जाति, स्थायी निवास, जन्म, चरित्र, आय एवं हैसियत, पर्वतीय क्षेत्र निवास एवं राजस्व संबंधी प्रमाण पत्र प्रमुख हैं। हासिल करने में काफी मदद मिलेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि बड़े पैमाने पर अथक प्रयासों के बाद राज्य की हर तहसील में जनाधार ई-सेवा केन्द्रों की स्थापना की गई है, जहां सिंगल विंडो व्यवस्था के रुप में एक ही जगह पर लोगों को विभिन्न आवश्यक प्रमाण पत्र उपलब्ध हो सकेंगे। इनमें जाति, स्थायी निवास, जन्म, चरित्र, आय एवं हैसियत, पर्वतीय क्षेत्र निवास एवं राजस्व संबंधी प्रमाण पत्र प्रमुख हैं। उन्होंने कहा कि अब उत्तराखंड का कोई भी नागरिक अपनी तहसील में एक सामान्य आवेदन करके तय निर्धारित शुल्क का भुगतान करेगा, इसके बाद तहसील प्रशासन की यह जिम्मेदारी रहेगी कि मांगे गये प्रमाण पत्र को संबंधित अधिकारियों से प्राप्त करके तहसील के जनाधार ई-सेवा केंद्र में आवेदक को निर्धारित अवधि 15 दिनों के भीतर में प्राप्त कराये। खंडूड़ी ने बताया कि अब तक हम उत्तराखंड की सभी 79 तहसीलों में जनाधार ई-सेवा केंद्रों की स्थापना कर चुके हैं, अब मुख्य स्थानिक आयुक्त दिल्ली के कार्यालय के माध्यम से राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में रह रहे लगभग 30 लाख उत्तराखंडी भाई-बहनों के परिवारों को भी जनाधार ई-सेवा ऑनलाइन प्रदान की जायेगी।

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