२७.११.८ देहरादून : राज्य को अस्तित्व में आए भले ही आठ साल का अर्सा बीत चुका हो, लेकिन पहाड़ के हालात नहीं बदले। वहां आज भी हालात वही हैं, जिनसे निजात पाने को पहाड़वासियों ने ऐतिहासिक लड़ाई लड़ी। जल-जंगल-जमीन से जुड़ी परिस्थितियां तब भी पहाड़ की चिंता थीं और आज भी हैं। वह तब और अब, इन्हीं परेशानियों से जूझ रही है, लड़ रही है हालात के खिलाफ। ऐसे में पहाड़ से जुड़ा कोई आयोजन हो और उसमें यह पीड़ा न झलके, कैसे हो सकता है? बुधवार को कौथिग-08 के तहत हुई आंचलिक वेशभूषा में भी ऐसा ही नजारा देखने को मिला। कौथिग स्थल रेंजर्स ग्राउंड में आयोजित आंचलिक वेशभूषा प्रतियोगिता में अधिकांशत: पहाड़ के सुदूर अंचल से आई महिलाओं ने शिरकत की। पारंपरिक परिधानों में सजीं जेवरों से लकदक यह प्रतिभागी ग्राम्य जीवन की विस्मृत झांकी पेश कर रही थीं। लेकिन, इससे सबसे हटकर भी इस आयोजन में कुछ खास था और वह था, पहाड़ की पीड़ा बयां करती प्रस्तुतियां।
Thursday, 27 November 2008
कौथिग में दिखे भूले बिसरे गांव
२७.११.८ देहरादून : राज्य को अस्तित्व में आए भले ही आठ साल का अर्सा बीत चुका हो, लेकिन पहाड़ के हालात नहीं बदले। वहां आज भी हालात वही हैं, जिनसे निजात पाने को पहाड़वासियों ने ऐतिहासिक लड़ाई लड़ी। जल-जंगल-जमीन से जुड़ी परिस्थितियां तब भी पहाड़ की चिंता थीं और आज भी हैं। वह तब और अब, इन्हीं परेशानियों से जूझ रही है, लड़ रही है हालात के खिलाफ। ऐसे में पहाड़ से जुड़ा कोई आयोजन हो और उसमें यह पीड़ा न झलके, कैसे हो सकता है? बुधवार को कौथिग-08 के तहत हुई आंचलिक वेशभूषा में भी ऐसा ही नजारा देखने को मिला। कौथिग स्थल रेंजर्स ग्राउंड में आयोजित आंचलिक वेशभूषा प्रतियोगिता में अधिकांशत: पहाड़ के सुदूर अंचल से आई महिलाओं ने शिरकत की। पारंपरिक परिधानों में सजीं जेवरों से लकदक यह प्रतिभागी ग्राम्य जीवन की विस्मृत झांकी पेश कर रही थीं। लेकिन, इससे सबसे हटकर भी इस आयोजन में कुछ खास था और वह था, पहाड़ की पीड़ा बयां करती प्रस्तुतियां।
Friday, 7 November 2008
लंदन में दिखेगी उत्तराखंड की खूबसूरती
Saturday, 1 November 2008
पंचेश्वर डेवलपमेंट अथारिटी का ढांचा मंजूर
घराट बनेंगे बहुआयामी
पहाड़ में भी पैदा होगा लारा
जज्बे के बूते झेलूंगी हर चुनौती
देहरादून: हरकतों में चुलबुलापन, बातचीत में बिंदास, फिलहाल स्टार जैसे नखरे नहीं। हां, अदा जरूर आ गई है। हर सवाल का बेबाकी से जवाब। चाहे वह मामला हाकी का हो या कोई और। खुद हाकी न खेल पाने का मलाल, लेकिन हर चुनौती से निपटने को तैयार। बात चक दे इंडिया फिल्म से देशभर में पहचान बनाने वाली चित्रांशी रावत की हो रही है। घर से दूर चकाचौंध भरी जिंदगी में घर की याद भी सालती है। हाकी का विकास न हो पाने के लिए वे सरकार और फेडरेशन को आड़े हाथ लेती हैं। उनकी इच्छा किसी गढ़वाली अलबम में अपने ऊपर लिखे गाने में डांस करने की है।
केदारनाथ मंदिर के कपाट बंद
रुद्रप्रयाग, : वैदिक मंत्रोच्चारण व पूजा अर्चना के बीच 3१ अक्टूबर गृुरुवार को भगवान केदारनाथ के कपाट शीतकाल के लिए बंद हो गए। हजारों भक्तों के जयकारों के साथ बाबा की उत्सव डोली पंचकेदार की गद्दीस्थल ओंकारेश्र्वर मंदिर ऊखीमठ के लिए रवाना हुई। अब छह महीने तक ओंकारेश्र्वर मंदिर में ही भोले बाबा की पूजा अर्चना होगी। प्रात: ठीक आठ बजे वेदपाठी व पुरोहितों ने वैदिक मंत्र व विधि-विधान के साथ केदारनाथ के कपाट बंद कर दिए।
योगेंद्र प्रसाद को भारतीय शिरोमणी पुरस्कार
Saturday, 25 October 2008
Friday, 24 October 2008
परिसम्पत्ति को सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे: कंडारी
असंतोष को थामने की कवायद
आज मचेगी नरेंद्र सिंह नेगी के गीतों की धूम
विरासत में हुआ तीन धाराओं का संगम
Thursday, 23 October 2008
खत्म हुआ समयबद्ध वेतनमान का प्रावधान
देहरादून में खुलेगा भारतीय मानक ब्यूरो का कार्यालय
मैती आंदोलन
Wednesday, 22 October 2008
क्या सकून हैं क्या पहाडं हैं
अल्मोड़ा में सादगी और सहज व्यवहार से कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी ने एक बार फिर साबित कर दिया कि वह इस दौर के तमाम राजनेताओं से एकदम हटकर हैं। साथ ही एहसास कराया कि वह अपने पिता राजीव गांधी के नक्शेकदम पर हैं। राहुल ने सोमवार को सर्किट हाउस में रात्रि विश्राम किया। उनकी दादी इंदिरा गांधी और पिता राजीव गांधी भी यहां ठहर चुके हैं। इससे पहले वह रात्रि 10:35 बजे बिना सुरक्षा तामझाम के सर्किट हाउस से पैदल निकल पड़े। एसपीजी की अभेद्य सुरक्षा व्यवस्था को छोड़ उन्हें आम आदमी की तरह बाजार में घूमता देखकर लोग हतप्रभ रह गए। देर रात तक प्रतिष्ठान खोलने वाले दुकानदारों और अन्य लोगों के लिए कांग्रेस के युवराज को कड़ाके की सर्दी में बाजार में घूमते देखना किसी आश्चर्य से कम नहीं था। जिन दुकानदारों से राहुल ने भेंट की, वे अभिभूत थे
सख्त हुई भाजपा
२२ अक्टूबर -अब बगावती तेवरों से सख्ती के साथ निपटने का मन बना लिया है। इस क्रम में विधायक हरभजन सिंह चीमा को नोटिस जारी कर एक सप्ताह में स्पष्टीकरण देने को कहा गया है। प्रदेश महामंत्री अजय भट्ट ने कहा कि पुष्ट साक्ष्य मिलने पर सख्त कार्रवाई तय है। कुछ भाजपाई विधायकों ने मुख्यमंत्री के खिलाफ बगावती तेवर अपना रखे हैं। अभी तक भाजपा संगठन इन्हें समझाने-बुझाने की रणनीति पर काम कर रहा था। अब लगता है कि बार-बार फजीहत झेल रहे संगठन ने इनके खिलाफ सख्त रुख अपनाने का मन बना लिया है। इसी क्रम में आज भाजपा के टिकट पर काशीपुर सीट से जीते विधायक हरभजन सिंह चीमा को एक नोटिस जारी किया गया है। पार्टी के प्रदेश महामंत्री अजय भट्ट ने बताया कि विधायक श्री चीमा ने 17 विधायकों के इस्तीफे के बारे में न्यूज चैनल को भ्रामक सूचना दी और संगठन विरोधी टिप्पणी की। इससे संगठन और सरकार, दोनों की छवि पर असर पड़ा। पार्टी संविधान के अनुसार न्यूज चैनल या फिर समाचार पत्रों में इस प्रकार की बात करना गंभीर अनुशासनहीनता का मामला है। श्री भट्ट ने कहा कि श्री चीमा भाजपा विधानमंडल दल के सदस्य हैं। प्रदेश अध्यक्ष बची सिंह रावत ने विधायक के इस काम को खासी गंभीरता से लिया है। अध्यक्ष के निर्देश पर श्री चीमा को नोटिस जारी करके एक सप्ताह में जवाब देने को कहा गया है, ताकि इस मामले में आगे की कार्रवाई से पहले उनका पक्ष भी सुना जा सके। श्री भट्ट ने बताया कि पुष्ट साक्ष्य मिलने पर विधायक के खिलाफ सख्त कार्रवाई तय है।
Tuesday, 21 October 2008
उत्तराखँड पहुचे राहुल गांधी
2१ october - पहले सियासी दौरे पर हल्द्वानी पहुंचे कांग्रेस युवराज राहुल गांधी का पूरा समय विद्यार्थियों के बीच बीता। छात्र-छात्राओं से सीधे संवाद में उनके सामने संगठन और समाज दो बिंदु प्रमुख रहे। बोले-देश के लिए मजबूत कंधे तैयार करने निकला हूं। विद्यार्थियों का सीधा सरोकार रोजगार से ही नहीं होना चाहिए, देश की जिम्मेदारी भी बहुत बड़ी है। इसे भी तो नई पीड़ी को ही संभालना है।खटीमा और रामनगर के बाद हल्द्वानी में वह 23 मिनट रुके। रात्रि विश्राम उन्होंने अल्मोड़ा में किया। निर्धारित समय से सवा घंटे देर से पहुंचे राहुल गांधी का हैलीकॉप्टर आम्रपाली इंस्टीट्यूट परिसर के हैलीपेड पर उतरा। श्री गांधी परिसर में काफी समय से इंतजार कर रहे तमाम छात्र-छात्राओं के बीच सीधे पहुंचे और साथ मिलाते हुए इंस्टीट्यूट के मीटिंग हाल में पहुंच गए। वहां मौजूद करीब डेढ़ सौ विद्यार्थियों से उन्होंने सीधा संवाद किया। उन्होंने कहा कि देश हित सर्वोपरि है।
धना, धना, धनुली धन तेरो परान.
नैनीताल शरदोत्सव में लोक गायक हीरा सिंह राणा ने कई दिलकश प्रस्तुतियां दी। दिल्ली के हाइलेंडर ग्रुप के बैनर तले श्री राणा ने गीतों के माध्यम से पहाड़ में खत्म होते सामाजिक, राजनीतिक मूल्यों पर चिंता जताई। 67 वर्षीय श्री राणा ने पहला गीत आजकल हैरे ज्वांन, मेरी न्यौली पराण., धना, धना, धनुली धन तेरो परान., मैं तेरी नराई लागी दीपा कोई निशानी. आदि लोक गीत गाकर दर्शकों को मंत्र मुग्ध कर दिया। युवा से लेकर बुजुर्ग तक उनके गीतों में झूम उठे। इसी दल के विशन हरियाला ने पुष्पा लुकी रै. गीत प्रस्तुत कर वाहवाही लूटी। इंदू हरबोला ने मोहना-मोहना. गीत प्रस्तुत किया। इसी दल द्वारा मोहन तेरी मुरली बाजी, ग्वाल बाल का संग., बारह बरस की तपस्या द्वारिका जाए संग. गीत की प्रस्तुति दी। सुर भारती हल्द्वानी के कलाकारों ने बागेश्र्वर की विमला छोरी., संगम सांस्कृतिक कला मंच देहरादून द्वारा गढ़वाली व जौनसारी संस्कृति पर आधारित आकर्षक प्रस्तुतियां दी।
उत्तराखंड के 17 बागी विधायकों ने दिए इस्तीफे
Monday, 20 October 2008
१८ अक्टूबर से नेनीताल में आयोजित शरदोत्सव
निर्मल ग्राम पुरस्कार-२००८ उत्तराखंड के नैनीताल जिले से लीलावती
170ct-राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने हरियाणा में के हिसार में निर्मल ग्राम पुरस्कार-2008 वितरण समारोह में बोल रही थीं। समारोह में नौ राच्यों के 3209 निर्मल गांवों को अवार्ड दिया गया। पाटिल ने जिन प्रतिनिधियों को सम्मानित किया, उनमें गुजरात के खेड़ा जिले से मंजुला बेन मकवाना, हरियाणा के भिवानी जिले से पूनम देवी, हिमाचल के किन्नौर जिले से कमला देवी, उत्तर प्रदेश से मीरजापुर जिले से अखिलेश कुमार और उत्तराखंड के नैनीताल जिले से लीलावती शामिल हैं।
Saturday, 18 October 2008
तमन्ना यही कि सिर पर सजे ताज
Friday, 17 October 2008
विरासत-२००८ बेडू पाको बारामासा
देहरादून 12 oct- खुले आकाश में खिलखिलाता चांद, चीड़ के बड़े-बड़े दरख्त और उनके आंचल में अलौकिक आभा बिखेरता प्रभु का ओंकारेश्र्वर धाम। चारों ओर बिखरीं विद्युत रश्मियां परीलोक का-सा आभास दे रही हैं। अचानक ढोल-दमाऊं व मशकबीन की स्वर लहरियां कानों में पड़ती हैं, जो धीरे-धीरे नजदीक आ रही हैं। ऐसा प्रतीत हो रहा है हम दूर पहाड़ों की कंदराओं में पहुंच गए हैं। इसी आध्यात्मिक अनुभूति के बीच आगाज होता है विरासत-2008 का। रंगमंच पर जय नंदा कला केंद्र अल्मोड़ा के कलाकारों की टोली पहुंच गई है। लोकगायक चंदन सिंह वोरा की अगुवाई में यह टोली लोकधुनें बिखेरती हुई कुमाऊं का नयनाभिराम छोलिया नृत्य प्रस्तुत करती है। टोली की ना बासा घुघुती चैता की, नराई लगीं च मंै मैता की, बेडू पाको बारामासा जैसे गीत-नृत्यों की प्रस्तुति देखते ही बनती थी। लोकगायिका बसंती बिष्ट नंदा देवी जागर व महाभारत की लोकगाथा के कुछ अंशों की प्रस्तुति भौतिकता से आध्यात्मिकता और आनंद से परमानंद की ओर ले जाने वाली है। स्वामी आदित्यानंद के सानिध्य में संस्थान के दो छात्र-छात्राएं रुद्राष्टाध्यायी पाठ करते हैं। प्रथम दिवस की अंतिम प्रस्तुति हिंदुस्तान की जानी-मानी गायिका कविता कृष्णामूर्ति, उनके पति डा.एल.सुब्रमण्यम और उनके पुत्र-पुत्री की रही। आगाज कविता कृष्णामूर्ति ने ओम नम: शिवाय, तीन शब्दों में सृष्टि सारी समाय से की। उन्होंने ठुमरी व मुजरा का समावेश लिए गीत तुम्हारी अदाओं पे मैं मारी-मारी पेश किया। डा.एल.सुब्रमण्यम व उनके पुत्र लक्ष्मी नारायण सुब्रमण्यम ने जब वायलिन की तान छेड़ी तो पूरा अंबेडकर स्टेडियम झंकृत हो उठा।
शरदोत्सव-2008 -लौटाएंगे पहाड़ों की रानी की खूबसूरती
13 OCT- मुख्यमंत्री भुवनचंद्र खंडूड़ी ने कहा कि पहाड़ों की रानी मसूरी की खूबसूरती को लौटाने को सरकार पूरी तरह गंभीर उन्होंने कहा कि पर्यटकों को लुभाने के लिए और अधिक सुविधाएं दिए जाने का प्रयास किया जाएगा। देहरादून से मसूरी तक केबल कार का संचालन शीघ्र कराया जाएगा। नगर की पार्किंग व अन्य समस्याओं को हल करने का प्रयास किया जाएगा। रविवार को गांधी चौक पर नगरपालिका परिषद के तत्वावधान में आयोजित शरदोत्सव-2008 का बतौर मुख्य उद्घाटन करने के बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि मसूरी से उनके पुरखों का पुराना संबंध रहा है। वे नगर की समस्याओं से भलीभांति परिचित हैं। श्री खंडूड़ी ने कहा कि मसूरी की सुंदरता को लौटाने के लिए सरकार गंभीर प्रयास करेगी। पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए सुख-सुविधाओं में इजाफा किया जाएगा और पार्किंग समेत मूलभूत सुविधाओं के लिए भी प्रयास किए जाएंगे। क्षेत्र के विधायक जोत सिंह गुनसोला व पालिकाध्यक्ष ओपी उनियाल ने मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त करते हुए नगर की मूलभूत समस्याओं की ओर उनका ध्यान आकर्षित किया। उन्होंने कहा कि लंबीधार में यूपीएसएमडीसी की खाली भूमि पर प्रदूषण रहित उद्योग लगाए जाएं, जिससे यहां के बेरोजगारों को रोजगार मिल सके। इसके अलावा उन्होने ऑडिटोरियम, भिलाड़ू में प्रस्तावित खेल मैदान का निर्माण व एमपीजी कालेज में रोजगारपरक कोर्स खुलवाने की भी मांग की। इससे पूर्व पालिकाध्यक्ष ओपी उनियाल ने मुख्यमंत्री खंडूड़ी को अभिनंदन पत्र सौंपा। इस अवसर पर विधायक खजान दास, गणेश जोशी, सभासद जयकुमार गुप्ता, संतोष आर्य, रमेश भंडारी, सुशील कुमार अग्रवाल, वीरेंद्र सिंह रावत, सुभाषिनी बत्र्वाल, केदार सिंह चौहान, कांता बिष्ट, राजेश्वरी रावत, नंदलाल, जसवीर कौर, सनातन धर्म सभा के महामंत्री राकेश कुमार, भाजपा नगर अध्यक्ष वीरेंद्र सिंह राणा, प्रेस क्लब अध्यक्ष जयप्रकाश उत्तराखंडी समेत नगर के विभिन्न संगठनों के पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री का फूलमालाओं से स्वागत किया।
Friday, 10 October 2008
ऐसे हुआ उत्तराखण्ड का गठन
Wednesday, 1 October 2008
ऊचे-ऊचे झरने हैं
Wednesday, 24 September 2008
वहाँ घरों में ताले नहींहोतेक्योंकि
किवाड़ों में कुण्डे नहीं होतेवहाँ खटखटाना शब्द भी नहीं होताक्योंकि
लोग अपने पहुँचने से भी पहलेबतियाने लगते हैं देहरी में बैठकरवहाँ चोरियाँ नहीं होतींक्योंकि
वहाँ तिजोरियाँ नहीं होतींकभी-कभी रात मेंकिवाड़ों पर अवरोध डाल दिये जाते हैंक्योंकि वहाँ बाघ होते हैंमगर अब वहाँ कुण्डे और ताले बिकने लगे हैं क्योंकि अब वहाँ शहरी दिखने लगे हैं











