Friday, 24 October 2008

विरासत में हुआ तीन धाराओं का संगम

24 october देहरादून विरासत-2008 के तहत गुरुवार की शाम नृत्य के शास्त्रीय संगम त्रिधारा के नाम रही। देश के प्रतिष्ठित पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित शास्त्रीय नृत्यांगनाओं शोभना नारायण, किरण सहगल व भारती शिवा ने कत्थक, ओडिसी व मोहिनीअट्टम की ऐसी नयनाभिराम छटा बिखेरी कि दर्शक वाह-वाह कर बैठे। इसके अलावा झारखंड के मुखौटा व मध्यप्रदेश के बधाई नृत्य ने भी मनोहारी छटा बिखेरी। गुरुवार को ओंकारेश्र्वर धाम में देश की तीन सुप्रसिद्ध शास्त्रीय नृत्यांगनाओं के नृत्य से आलोकित रहा। कत्थक में सौंदर्य, भाव प्रवीणता व नवाचारों का समावेश दिखा, वहीं ओडिसी में सूक्ष्मता व विशिष्टता का सम्मिश्रण देखने को मिला। मोहिनी अट्टम की साहसिक विशिष्टता का भी अपना अलग ही अंदाज था। शास्त्रीय नृत्य का शुभारंभ शिवपूजा से हुआ, जिसमें तीनों नृत्यांगनाओं की विविधताभरी नृत्य शैलियों का समावेश मन-मस्तिष्क के तारों को झंकृत कर देने वाला था।

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