Thursday, 23 October 2008

खत्म हुआ समयबद्ध वेतनमान का प्रावधान

खत्म हुआ समयबद्ध वेतनमान का प्रावधान छठे वेतन आयोग की अनुशंसा के अनुसार वेतन बैंड का विस्तार काफी अधिक है। किसी भी वेतनमान के शीर्ष पर पहुंचने के बाद अगला वेतन बैंड स्वत: अनुमन्य है। किसी भी कार्मिक के मामले में अधिकतम वेतन वृद्धि में अवरोध की स्थिति नहीं आएगी। इसलिए समयबद्ध वेतनमान का प्रावधान खत्म कर दिया गया है। 31 अगस्त-08 तक स्वीकृत हो चुके समयबद्ध वेतनमान के प्रकरणों में अनुमन्य वेतनमान सापेक्ष वेतन बैंड के तहत शामिल किए जाएंगे। इस संबंध में प्रमुख सचिव (वित) आलोक कुमार जैन की ओर से जारी पत्र में कहा गया है कि राज्य कर्मियों को एक जनवरी-06 से पुनरीक्षित वेतनमान की स्वीकृति दी गई है। संशोधित वेतन ढांचे में वार्षिक वृद्धि की दर वेतन बैंड में तय वेतन और इसके सापेक्ष लागू ग्रेड-पे के योग की तीन फीसदी होगी।

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