Tuesday, 21 February 2012

प्रवेश के लिए अब जिला प्रशासन से भी लेनी होगी अनुमति

फूलों की घाटी का मामला
•पहली बार शुरू हुई घाटी के लिए नई व्यवस्था
•पर्यटकों के लिए जून माह में खुलती है घाटी
(प्रमोद सेमवाल )गोपेश्वर। विश्व प्रसिद्ध फूलों की घाटी में पर्यटक अब जिला प्रशासन की अनुमति के बिना प्रवेश नहीं कर सकेंगे। पर्यटक घाटी का लुत्फ तभी उठा पाएंगे जब जिला प्रशासन नंदा देवी राष्ट्रीय पार्क को इसकी इजाजत देगा।
राष्ट्रीय पार्क के अधिकारियों को घाटी में पर्यटकों को भेजने की अनुमति प्रशासन को वायरलेस के जरिए मांगनी पडे़गी।
विश्व प्रसिद्ध फूलों की घाटी नंदा देवी राष्ट्रीय पार्क जोशीमठ के अधीन आता है। फूलों की घाटी प्रतिवर्ष जून माह के पहले सप्ताह में पर्यटकों के आने-जाने के लिए खोल दी जाती है। इसी माह घाटी में फ्लावरिंग भी होती है। घाटी में प्रतिवर्ष एक हजार से भी अधिक पर्यटक पहुंचते हैं, जिनमेें विदेशी पर्यटकों की संख्या अधिक होती है। इनसे नंदा देवी राष्ट्रीय पार्क की भी अच्छी कमाई होती है।
घाटी में वर्षभर में कितने पर्यटक उमड़ते हैं और उन्हें यहां किन-किन समस्याओं से गुजरना पड़ता है, इसके बारे में जिला प्रशासन को कोई जानकारी नहीं होती है। ऐसे में प्रशासन को घाटी की स्थिति और पर्यटकों की जानकारी शासन को देने में दिक्कत होती है। कभी-कभार पर्यटक घाटी में जमी बर्फ और ग्लेशियरों के बीच फंस जाते हैं, जिन्हें ढूंढने और सुरक्षित निकालने में भी जिला प्रशासन को दिक्कतें झेलनी पड़ती हैं। इसे देखते हुए ही नयी व्यवस्था की गई है।
( सौजन्य से --अमर उजाला देहरादून)

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