Saturday, 25 February 2012

व्यावसायिक शिक्षा को केंद्र की झंडी

इन्हें होगा फायदा- 812 सरकारी हाईस्कूल व 64 सहायताप्राप्त अशासकीय हाईस्कूल, 995 सरकारी इंटर कालेज, 292 सहायताप्राप्त अशासकीय इंटर कालेज। उम्मीद 6 प्रशिक्षित बेरोजगारों को मिलेगा रोजगार, राज्य से मांगा प्रस्ताव 6उद्योगों के नजदीक सौ कम्युनिटी कालेज खोलने पर भी हामी
रविंद्र बड़थ्वाल,देहरादून -सूबे के छात्र-छात्राओं और शिक्षा महकमे में रोजगार पर टकटकी लगाए प्रशिक्षित बेरोजगारों के लिए खुशखबरी। केंद्र सरकार ने माध्यमिक स्तर पर व्यावसायिक
पाठ्यक्रम शुरू करने पर सहमति जता दी। इस बाबत राज्य से प्रस्ताव मांगा गया है। योजना लागू हुई तो सूबे के 2163 माध्यमिक स्कूलों को लाभ मिलेगा। वहीं स्कूली शिक्षा के बाद व्यावहारिक व्यावसायिक ट्रेड की शिक्षा के लिए सौ कम्युनिटी कालेज पर भी हामी भरी है।

सूबे में व्यावसायिक पाठ्यक्रम को दोबारा स्कूली शिक्षा में शामिल करने की सरकार की मुहिम रंग लाने को है। केंद्रपुरोनिधानित व्यावसायिक पाठ्यक्रम योजना केंद्र के कदम पीछे खींच लेने से ठप हो चुकी है। इस वजह से कालेजों में काफी संख्या में व्यावसायिक शिक्षकों को रोजगार से हाथ धोना पड़ा है। राज्य ने विद्यार्थियों की तकनीकी दक्षता और कार्य कुशलता बढ़ाने के लिए व्यावसायिक पाठ्यक्रम शुरू करने की पैरवी केंद्र से की। लंबी चुप्पी के बाद केंद्र सरकार ने अब सकारात्मक संकेत दिए हैं। खास बात यह भी है कि भविष्य में स्कूली शिक्षा का अंग बनने को प्रस्तावित व्यावसायिक शिक्षा व्यावहारिक और क्षेत्र विशेष की जरूरत ध्यान में रखकर शुरू की जाएगी। नई दिल्ली में केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल के साथ विभिन्न प्रदेशों के शिक्षा मंत्रियों और आला अफसरों की बैठक में इस पर सहमति बनी। शिक्षा मंत्री मातबर सिंह कंडारी ने माध्यमिक स्तर पर पढ़ाई के दौरान ही विद्यार्थियों की दक्षता बढ़ाने को व्यावसायिक कोर्स शुरू करने पर जेर दिया।
केंद्र ने इस संबंध में राज्य से प्रस्ताव मांगा है। योजना शुरू होने पर हजारों छात्र-छात्राओं को व्यावसायिक शिक्षा तो सैकड़ों प्रशिक्षित बेरोजगारों को रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे। केंद्र औद्योगिक क्षेत्रों के नजदीक सौ कम्युनिटी कालेज खोलने के पक्ष में है। इनमें पालीटेक्निकों और डिग्री कालेजों को कम्युनिटी कालेजों के तौर पर विकसित किया जाएगा। इंटर पास छात्र-छात्राएं इन कालेजों में जरूरत के मुताबिक व्यावसायिक पाठ्यक्रम का प्रशिक्षण ले सकेंगे। शिक्षा मंत्री ने पर्वतीय क्षेत्रों में उद्यानिकी, कृषि, मत्स्य पालन, रिवर राफ्टिंग समेत विभिन्न उद्यमों व कुटीर धंधों को प्रोत्साहित करने को संबंधित क्षेत्रों में कम्युनिटी कालेज खोलने का सुझाव दिया। वर्ष 2008 के बाद खुले कालेजों को उक्त तर्ज पर विकसित करने के केंद्र के प्रस्ताव पर श्री कंडारी ने असहमति जताई। उन्होंने वर्ष 2004 से स्थापित किए गए कालेजों को योजना में शामिल करने का सुझाव दिया। इस पर केंद्र ने सैद्धांतिक सहमति जताई।


No comments:

Post a Comment