गोविंद सनवाल, हल्द्वानी- बिजली उत्पादन में लगातार कमी
आने के चलते बाहर से बिजली की खरीद ऊर्जा प्रदेश पर भारी पड़ने वाली है। अब यहां भी बिजली की दरों में एक से ढाई रुपये तक का इजाफा करने की तैयारी है। यदि बिजली विभाग द्वारा प्रस्तावित दरों को मान लिया गया तो सबसे सस्ती बिजली देने वाला उत्तराखंड भी उत्तर प्रदेश की कतार में नजर आएगा। यूपीसीएल ने 2012-13 के लिए जो प्रस्ताव विद्युत नियामक आयोग को दिया है उससे हर वर्ग को मिलने वाली बिजली महंगी हो जाएगी। ऊर्जा प्रदेश के नाम से प्रख्यात उत्तराखंड में बिजली की स्थिति दिनोंदिन खराब होती जा रही है। खासकर सर्दियों में नदियों का जल स्तर कम होने से विद्युत उत्पादन अधिक प्रभावित हो जाता है, जबकि इन दिनों मांग बढ़कर 30 मिलियन यूनिट हो जाती है। ऐसे में उपभोक्ताओं को 24 घंटे बिजली नहीं मिल पा रही है। जाहिर है कि ऐसे में यूपीसीएल को बाहर से बिजली की खरीद करनी पड़ती है। गर्मियों में जब प्रदेश का उत्पादन अधिक होता है तो उससे दिल्ली, पंजाब और हरियाणा आदि प्रांत रोशन होते हैं पर जब अपनी बारी आती है तो उसे मंहगी बिजली खरीदनी पड़ती है। इसी के चलते यूपीसीएल ने बिजली दर बढ़ाने की मांग की है। इसमें घरेलू, गैर घरेलू, औद्योगिक सहित सभी श्रेणियों में बढ़ोत्तरी हो सकती है। इतना ही नहीं, इसके साथ फिक्स्ड चार्ज में भी बढ़ोत्तरी संभावित है।
आने के चलते बाहर से बिजली की खरीद ऊर्जा प्रदेश पर भारी पड़ने वाली है। अब यहां भी बिजली की दरों में एक से ढाई रुपये तक का इजाफा करने की तैयारी है। यदि बिजली विभाग द्वारा प्रस्तावित दरों को मान लिया गया तो सबसे सस्ती बिजली देने वाला उत्तराखंड भी उत्तर प्रदेश की कतार में नजर आएगा। यूपीसीएल ने 2012-13 के लिए जो प्रस्ताव विद्युत नियामक आयोग को दिया है उससे हर वर्ग को मिलने वाली बिजली महंगी हो जाएगी। ऊर्जा प्रदेश के नाम से प्रख्यात उत्तराखंड में बिजली की स्थिति दिनोंदिन खराब होती जा रही है। खासकर सर्दियों में नदियों का जल स्तर कम होने से विद्युत उत्पादन अधिक प्रभावित हो जाता है, जबकि इन दिनों मांग बढ़कर 30 मिलियन यूनिट हो जाती है। ऐसे में उपभोक्ताओं को 24 घंटे बिजली नहीं मिल पा रही है। जाहिर है कि ऐसे में यूपीसीएल को बाहर से बिजली की खरीद करनी पड़ती है। गर्मियों में जब प्रदेश का उत्पादन अधिक होता है तो उससे दिल्ली, पंजाब और हरियाणा आदि प्रांत रोशन होते हैं पर जब अपनी बारी आती है तो उसे मंहगी बिजली खरीदनी पड़ती है। इसी के चलते यूपीसीएल ने बिजली दर बढ़ाने की मांग की है। इसमें घरेलू, गैर घरेलू, औद्योगिक सहित सभी श्रेणियों में बढ़ोत्तरी हो सकती है। इतना ही नहीं, इसके साथ फिक्स्ड चार्ज में भी बढ़ोत्तरी संभावित है।
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