ऋषिकेश - कर्णप्रयाग रेल लाइन पांच साल में पूरी हो जाएगी। इसके निर्माण पर 4,300 करोड़ रुपये का व्यय होगा। रेल लाइन के बन जाने से राज्य में आने वाले पर्यटकों की तादाद बढ़ेगी। इसके अलावा रोजगार के अवसर भी बढेंगे। श्री महाराज ने बताया कि रेल लाइन का निर्माण ऋषिकेश और कर्णप्रयाग दोनों ओर से किया जाएगा। 125 किमी लंबी यह रेल लाइन 211 छोटे-बड़े पुलों और 81 सुरंगों से होकर गुजरेगी। रेलवे के लिए भी यह लाइन घाटे का सौदा नहीं होगी। महकमे को इससे हर साल करीब 20 करोड़ रुपये का लाभ होगा। कांग्रेस भवन में पत्रकारों को संबोधित करते हुए श्री महाराज ने कहा कि यह रेलवे लाइन चमोली, रुद्रप्रयाग, पौड़ी और टिहरी चार जिलों से होकर गुजरेगी। रेल लाइन का निर्माण अलकनंदा, भागीरथी, मंदाकिनी व गंगा की सहायक नदियों के साथ तीन वैकल्पिक रिवर क्रासिंग को ध्यान में रखकर किया जाएगा। पहाड़ में रेल चलने से पर्यटकों की आवाजाही में बढ़ोतरी होगी। उद्योगों का विकास होगा। रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। आम जनता को आवाजाही का सस्ता साधन मिलेगा। उन्होंने बताया कि परियोजना के तहत 149 मोड़, 128 पुल, 83 छोटे पुल और 81 सुरंगों का निर्माण किया जाएगा। रेल लाइन को ऋषिकेश व कर्णप्रयाग दोनों ही तरफ से बनाया जाएगा ताकि समय पर काम पूरा हो सके। रेल लाइन के निर्माण में इसका ध्यान रखा जाएगा कि इससे क्षेत्र के औद्योगिक विकास में बढ़ोतरी हो। रेल लाइन के बन जाने से बदरीनाथ, केदारनाथ, हेमकुंट जैसे तीर्थस्थलों के लिए जाने वाले लोगों को सुविधा मिलेगी। यात्री कम भाड़े और कम समय में गंतव्य तक पहुंच सकेंगे। उन्होंने बताया कि नौ नवंबर को ढोल, तुरंगी, नरसिंघा जैसे वाद्ययंत्रों की गूंज, मंत्रोच्चारण व मांगल गीत के साथ कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी रेल लाइन की आधारशिला रखेंगी। श्री महाराज ने सवाल किया कि भाजपा नेता और राज्यसभा सदस्य भगत सिंह कोश्यारी किस तरह रेल लाइन का श्रेय लेना चाहते हैं? उन्होंने कहा कि वह टनकपुर-बागेर रेल लाइन को स्वीकृति दिलाकर श्रेय लें। सोनिया द्वारा रेल लाइन के शिलान्यास पर उन्होंने कहा कि अटल खाद्यान्न योजना को शुभारंभ भाजपा अध्यक्ष ने किया था। सोनिया गांधी के पास तो केंद्रीय कैबिनेट मंत्री का दर्जा है। श्री महाराज ने बताया कि चार मई 1938 को गौचर के मैदान में पंडित जवाहर लाल नेहरू और विजयलक्ष्मी पंडित आए थे। इसके बाद वे पौड़ी के मैसमोर इंटर कालेज में गए थे। इन ऐतिहासिक क्षणों को याद करते हुए आगामी नौ नवंबर को श्रीमती गांधी रेल लाइन का शिलान्यास करेंगी। उन्होंने कहा कि पिछड़े क्षेत्र समेकित विकास निधि से चमोली को मिलने वाले धन का 20 करोड़ रुपया प्रतिवर्ष राज्य सरकार की कार्यपण्राली से लैप्स हो रहा है। वहीं टिहरी व चंपावत की धनराशि भी राज्य सरकार की कार्ययोजना न भेजे जाने के अभाव में लैप्स होती जा रही है। पत्रकार वार्ता में अनुशासन समिति के अध्यक्ष नरेन्द्र सिंह भंडारी, प्रदेश प्रवक्ता धीरेंद्र प्रताप और गुलाब सिंह मौजूद थे। |
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