तो गिनती के कर्मचारी ही हो सकेंगे नियमित
विनियमितीकरण के लिए अधिसूचना जारी
देहरादून। राज्य के सरकारी दफ्तरों में कार्यरत संविदा, कार्यभारित, दैनिक वेतन भोगी, नियत वेतन,
अंशकालिक तथा तदर्थ रूप से नियुक्त करीब 26 हजार कार्मिकों में से बमुश्किल दो-ढाई हजार ही विनियमितीकरण का लाभ पा सकेंगे। सोमवार को विनियमितीकरण नियमावली-2011 की अधिसूचना कर दी गई। इसके मुताबिक विनियमितीकरण उन्हीं कार्मिकों का होगा, जिनकी नियुक्ति 1 नवंबर, 2001 तक रिक्त पदों के सापेक्ष हुई थी। सुकून की बात यह है कि चतुर्थ श्रेणी कार्मिकों के विनियमितीकरण में छठे वेतनमान की शर्तें आड़े नहीं आएंगी। राज्य कैबिनेट के इस फैसले से करीब 26 हजार कार्मिकों के चेहरे खिल गए थे। मगर, अब इसकी नियमावली अधिसूचित होने के बाद स्थिति बिल्कुल उलट दिख रही है। इस फैसले के दायरे में गिनती के कार्मिक ही आ रहे हैं। नियमावली के मुताबिक नवंबर, 2011 तक जिन्हें अनवरत उस पद अथवा उसके समकक्ष पद पर कार्य करते हुए दस साल हो चुके हैं, उन्हें ही नियमित किया जा सकेगा।
अंशकालिक तथा तदर्थ रूप से नियुक्त करीब 26 हजार कार्मिकों में से बमुश्किल दो-ढाई हजार ही विनियमितीकरण का लाभ पा सकेंगे। सोमवार को विनियमितीकरण नियमावली-2011 की अधिसूचना कर दी गई। इसके मुताबिक विनियमितीकरण उन्हीं कार्मिकों का होगा, जिनकी नियुक्ति 1 नवंबर, 2001 तक रिक्त पदों के सापेक्ष हुई थी। सुकून की बात यह है कि चतुर्थ श्रेणी कार्मिकों के विनियमितीकरण में छठे वेतनमान की शर्तें आड़े नहीं आएंगी। राज्य कैबिनेट के इस फैसले से करीब 26 हजार कार्मिकों के चेहरे खिल गए थे। मगर, अब इसकी नियमावली अधिसूचित होने के बाद स्थिति बिल्कुल उलट दिख रही है। इस फैसले के दायरे में गिनती के कार्मिक ही आ रहे हैं। नियमावली के मुताबिक नवंबर, 2011 तक जिन्हें अनवरत उस पद अथवा उसके समकक्ष पद पर कार्य करते हुए दस साल हो चुके हैं, उन्हें ही नियमित किया जा सकेगा।
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