Wednesday, 30 November 2011

शिक्षा मित्र बनेंगे 343 आचार्य-अनुदेशक

शिक्षा मित्र बनने से रह गए 343 शिक्षा आचार्य-अनुदेशकों की मुराद जल्द पूरी होगी। सरकार अगले महीने के पहले हफ्ते में उन्हें तोहफा थमा सकती है।
इस संबंध में कसरत शुरू की गई है। वहीं नियमित बीटीसी प्रशिक्षुओं की चौथे सेमेस्टर में प्रेक्टिकल ट्रेनिंग समय पर पूरी कराई जाएगी।
शिक्षा आचार्यो व अनुदेशकों पर मेहरबान रही सरकार अब तक 770 को शिक्षा मित्र के रूप में प्राइमरी विद्यालयों में तैनात कर चुकी है। शैक्षिक योग्यता पूरी नहीं करने वाले 343 शिक्षा आचार्यो और अनुदेशकों को अभी तक शिक्षा मित्र नहीं बनाया जा सका है। इसमें शैक्षिक योग्यता के मानक आड़े आ रहे हैं। सरकार इन्हें योग्यता पूरी करने के लिए अवसर मुहैया करा चुकी है। जल्द ही 343 आचार्यो-अनुदेशकों को शिक्षा मित्र के रूप में तैनाती दी जाएगी। इस संबंध में कसरत अंतिम चरण में है। माना जा रहा है कि अगले माह के पहले हफ्ते में संभावित कैबिनेट बैठक में इस प्रस्ताव पर विचार मुमकिन है। महकमे की ओर से इस बाबत फाइल तैयार की गई है।
उधर, नियमित बीटीसी प्रशिक्षुओं का आंदोलन खत्म होने से शासन ने राहत की सांस ली है। शासन उनकी ज्यादातर मांगें मान चुका है। अलबत्ता, इन 1147 प्रशिक्षुओं को चौथे सेमेस्टर में थ्येरिटिकल और प्रेक्टिकल ट्रेनिंग तय समय पर ही पूरी करनी होगी। आखिरी सेमेस्टर के छह माह की अवधि में सेवारत प्रेक्टिकल ट्रेनिंग की मांग पर गतिरोध बरकरार है। शिक्षा सचिव ओमप्रकाश के साथ प्रशिक्षुओं की वार्ता में भी यह मुद्दा प्रमुखता से उठा। सचिव के मुताबिक आखिरी सेमेस्टर में प्रेक्टिकल ट्रेनिंग में देरी नहीं होने दी जाएगी।
गौरतलब है कि ट्रेनिंग पूरी होने के बाद स्कूलों में तैनाती को लेकर नियमित बीटीसी प्रशिक्षुओं को संदेह बना हुआ है। दरअसल, प्राइमरी स्कूलों में 1265 शिक्षा मित्रों, 868 पत्राचार बीटीसी प्रशिक्षितों की तैनाती का निर्णय सरकार ले चुकी है। इस कड़ी में अब 343 आचार्य-अनुदेशक भी जुड़ने वाले हैं। वहीं टीचर एलिजिबिलिटी टेस्ट पास कर चुके अभ्यर्थियों को 2200 पदों पर तैनाती देने का इरादा शिक्षा मंत्रालय जता चुका है। जाहिर है कि प्राइमरी शिक्षकों के 4500 से ज्यादा पद भरने तय हैं। ऐसे में नई नियुक्ति के लिए पदों का संकट बढ़ सकता है। हालांकि, महकमे और शासन के आला अफसर संकट से वाकिफ हैं। उनके मुताबिक शिक्षकों के रिक्त पदों की संख्या ज्यादा है, लिहाजा यह संकट दूर किया जा सकेगा।

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