देहरादून, -स्वतंत्रता पूर्व वीरता पदक 364। स्वतंत्रता पश्चात वीरता पदक 943। हजारों शहीद। सशस्त्र सेनाओं में तकरीबन 63 हजार सैनिक सेवारत। एक लाख से अधिक पूर्व सैनिक एवं 29 हजार से अधिक सैनिक विधवाएं।
यह तस्वीर है सैन्य बहुल प्रदेश उत्तराखंड की। विडंबना यह कि सूबे में अभी तक एक अदद शहीद स्मारक नहीं बन पाया है। तकरीबन एक दशक की कवायद के बाद अब न्यू कैंट रोड हाथीबड़कला में शहीद स्मारक बनने की राह खुलती नजर आ रही है। इसके लिए शासन को अनुमोदन के लिए पत्र भेजा जा रहा है।
राज्य में विभिन्न युद्धों के दौरान शहीदों के लिए वार मेमोरियल बनाने को लेकर लंबे समय से कवायद चल रही है। इसके लिए पहले विजय कॉलोनी के निकट सेना की भूमि पर इस स्मारक को बनाने की कवायद शुरू हुई। इसके लिए उत्तराखंड सब एरिया की ओर से भूमि का लैंड यूज चेंज करने के लिए मध्यकमान को पत्र भेजा गया, लेकिन लंबे समय तक यह प्रस्ताव लंबित पड़ा रहा।
इसके बाद प्रदेश सरकार और सेना के बीच इस दिशा में कई बार वार्ता हुई, लेकिन इस दिशा में कुछ खास नहीं हो पाया। वहीं पूर्व सैनिक संगठनों की ओर से लगातार सरकार पर शहीद स्मारक बनाने का दबाव भी पड़ रहा था। गत वर्ष मुख्यमंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने शहीद स्मारक के लिए सरकार की ओर से एक करोड़ रुपये देने की घोषणा की थी। इसके अलावा सांसद तरुण विजय भी शहीद स्मारक के लिए दस लाख रुपये देने की घोषणा कर चुके हैं। इस वर्ष शुरू से ही शहीद स्मारक के लिए जमीन खोजने की कवायद तेज हो गई थी। इसके तहत प्रशासन ने कई स्थानों पर जमीन देखी। अंत में न्यू कैंट में श्री चंद्र मंदिर के पीछे इसके लिए जमीन चिह्नीत की गई। यह जमीन ग्राम समाज की बताई जा रही है। अब प्रशासन की ओर से वार मेमोरियल बनाने के लिए यहां पर दस हेक्टेयर जमीन के अधिग्रहण का प्रस्ताव शासन को भेजा गया है। जिलाधिकारी सचिन कुर्वे ने इसकी पुष्टि की है।
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