Wednesday, 20 July 2011

बदरीनाथ में तैयार हो रहा मिनी इंडिया

श्री बदरीनाथ धाम में ‘मिनी इंडिया’ तैयार हो रहा है। महज आठ वर्ष के इस नन्हे भारत की आबादी अब तक 1652 हो चुकी है।

आस्था और विश्वास से सींचे जा रहे इस भारत में सभी राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों को भूखंड आरक्षित हैं, जिनमें चार प्रजातियों की वंश वृद्धि की जा रही है। यह नया भारत न सिर्फ अनेकता में एकता का प्रतीक है, बल्कि देश और दुनिया को पर्यावरण संरक्षण के लिए एकजुट होने का संदेश भी दे रहा है।

बात हो रही है भू-बैकुंठ धाम श्री बदरीनाथ में तैयार किए जा रहे एक अनूठे वन की, जिसे बदरीश एकता वन नाम दिया गया है। 23 जून 2002 को वन महकमे ने श्री बदरीनाथ धाम में पर्यावरण संरक्षण को आस्था से जोड़ने की एक अनोखी पहल की। देश के सीमांत गांव माणा और बामणी के सहयोग से बदरीनाथ में देवदर्शनी के पास नौ हेक्टेअर भूमि का चयन किया गया, जिसे 35 हिस्सों में बांटकर सभी 28 राज्यों व सात केंद्र शासित प्रदेशों के लिए भूमि आरिक्षत की गई। देश के सभी राज्यों के लोगों की भागीदारी से यहां बदरीश एकता वन की स्थापना करना इसका मकसद था। यानि देश के कोने-कोने से श्री बदरीनाथ आने वाले यात्रियों को इस बात के लिए प्रेरित करना कि वे अपने पूर्वजों, परिजनों, मित्रों अथवा यात्रा की स्मृति में अपने-अपने राज्यों के लिए आवंटित भूमि पर एक-एक पौधा रोपित करें।

इसके लिए पेड़ लगाने वाले प्रत्येक यात्री को वन विभाग को सौ रुपये देने होते हैं, जिसमें पौधे की कीमत और उसके रखरखाव का खर्च शामिल है।

धीरे-धीरे ही सही, लेकिन यह योजना रंग लाने लगी है। अब तक देश के विभिन्न हिस्सों से यहां आए तीर्थयात्री 1652 पौधों का रोपण कर चुके हैं, जिनमें भोजपत्र, कैल, देवदार, जमनोई प्रजातियां शामिल हैं। इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि प्रचार-प्रसार के अभाव में बदरीश एकता वन तेजी से नहीं फलफूल पाया है। हालांकि, अब इस वन पर सूबे के मुख्यमंत्री डा. रमेश पोखरियाल निशंक की नजरें इनायत हुई हैं। गत माह बदरीनाथ पहुंचे मुख्यमंत्री डा. निशंक ने न सिर्फ बदरीश एकता वन के कांसेप्ट की सराहना की, बल्कि उसके रखरखाव और सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम का जिम्मा टास्क फोर्स को सौंपने की घोषणा भी की।

अब इस वन को कैम्पा प्रोजेक्ट के तहत संवारा जाएगा। वन क्षेत्र पर लगे पौधे पर उसे रोपित करने वाले व्यक्ति की नेम प्लेट लगाई जाएगी।

पर्यावरण संरक्षण को आस्था से जोड़कर शुरू की गई अनूठी पहल सभी राज्यों के लिए आरक्षित है भूमि पौधरोपण कर रहे हैं तीर्थयात्री बदरीश एकता वन को कैम्पा प्रोजेक्ट के तहत विकसित करने के निर्देश राज्य सरकार से मिले हैं। योजना के प्रचार- प्रचार के लिए विभिन्न राज्यों में प्रचार सामग्रियों का इस्तेमाल किया जाएगा।

सनातन, डीएफओ, अलकनंदा वन प्रभाग, चमोली

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