लगभग 21 हजार 625 छात्राओं को अंग्रेजी सिखाई जाएगी 663 स्कूलों के बच्चों को 14 हफ्ते का कोर्स कराया जाएगा
pahar1- अगले कुछ वर्षो में अगर सरकारी स्कूलों की बच्चियां भी पब्लिक स्कूलों के बच्चों की तरह अंग्रेजी में गिट-पिट करती और कॉन्वेंट की बच्चियों से मुकाबला करती दिखाई दें तो आपको अचरज नहीं होना चाहिए। इस योजना पर अमल करने के लिए सर्व शिक्षा अभियान उत्तराखंड ने एक अंतर्राष्ट्रीय गैर सरकारी संस्था प्रथम फाउंडेशन के साथ करार किया है। योजना के तहत फाउंडेशन सभी जिलों में स्कूलों को चिह्नित कर वहां के बच्चों को अंग्रेजी बोलना सिखाएंगे। केंद्र सरकार के नेशनल प्रोग्राम फॉर एजुकेशनल ऑफ गल्र्स एट एलिमेंट्री लेवल (एनपीईजीईएल) के तहत अंग्रेजी भाषा के इस विशेष कार्यक्रम में प्राथमिक स्कूलों के लगभग 21 हजार 625 बच्चों को अंग्रेजी सिखाई जाएगी। उत्तराखंड में सभी के लिए शिक्षा परियोजना की राज्य परियोजना निदेशक व अपर सचिव विद्यालयी शिक्षा सौजन्या का कहना है कि इसके लिए प्रदेश में सभी 13 जिलों के उन 19 विकासखंडों के स्कूलों का भी चिह्नीकरण किया गया है जहां महिला साक्षरता का अनुपात राष्ट्रीय साक्षरता अनुपात से कम है। योजना में 663 स्कूल शामिल किए जाएंगे। इसके तहत प्रथम प्रदेश के चिह्नित विद्यालयों के बच्चों को 14 हफ्ते का अंग्रेजी बोलने का कोर्स कराएगा। इस कोर्स के जरिए पहले उन्हें कुछ सवाल करने और फिर उनके जवाब देना सिखाया जाएगा। इसके बाद उनका शब्द ज्ञान बढ़ाने के लिए उन्हें रोजमर्रा की जिंदगी में इस्तेमाल होने वाले शब्दों का इस्तेमाल सिखाया जाएगा। बाद में उन्हें अंग्रेजी के साधारण पैराग्राफ पढ़ना और लिखना भी सिखाया जाएगा। प्रथम संस्था देश में गुजरात, मध्य प्रदेश आदि कई राज्यों में अपना इंग्लिश प्रोग्राम चला रही है। इसके तहत आठ से 14 साल के बच्चों में अंग्रेजी बोलने की क्षमता का विकास किया जाता है और शुरुआती अंग्रेजी बोलना व लिखना व पढ़ना सिखाया जाता है। वैसे यह कार्यक्रम आठ महीने चलाया जाता है, लेकिन उत्तराखंड में यह साढ़े तीन माह का ही कोर्स कराया जा रहा है ताकि बच्चे अंग्रेजी वर्णमाला सीखने के साथ ही शब्दों का सही उच्चारण करे और उनका शब्द ज्ञान कम से कम 750 शब्द आौर वाक्य ज्ञान करीब 1000 वाक्यों तक पहुंच जाए। इसी तरह उन्हें अंग्रेजी में करीब 15 प्रकार ऐसे सवाल करने और उनके अंग्रेजी में ही जवाब देने आ जाएं जो आम तौर पर इस्तेमाल होते हैं। प्रथम अपना यह कार्यक्रम 2006-07 से देश के विभिन्न ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में चला रही है। इसके तहत बच्चों को हर दिन एक घंटा अंग्रेजी पढ़ाई जाती है। जिसमें तीन चौथाई समय सुनने बोलने में 25 प्रतिशत समय पढ़ने में लगाया जाता है। जैसे-जैसे बच्चा बड़ा होता है यह प्रतिशत उलट जाता है। बच्चों को अंग्रेजी बोलने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है और बच्चों की प्रगति जांचने के लिए परीक्षा भी ली जाती है।
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