Thursday, 14 July 2011

फूलों से महकेगा असी गंगा का आंचल

उत्तरकाशी

सब कुछ ठीक ठाक रहा तो पर्यटकों को जल क्रीड़ा के लिये मशहूर असी गंगा का आंचल फूलों की खुशबू से भी महक उठेगा।

वन विभाग ने असी गंगा के तटों पर फैली बंजर वन भूमि का आकलन कर पुष्प तथा नव गृह वाटिका विकसित करने की योजना तैयार कर ली है। प्रस्ताव पर शासन की स्वीकृति मिलते ही कार्य शुरू हो जाएंगे।

असी गंगा घाटी अपनी नैसर्गिक सुंदरता के चलते हर साल बड़ी संख्या में पर्यटकों को अपनी ओर खींचती है। डोडीताल से निकलने वाली इस नदी की लहरों में जलक्रीड़ा के लिये अनेक पसंदीदा जगहे खुद ब खुद विकसित हो गई। अब पर्यटन की संभावनाओं को देखते हुए वन विभाग इसे व्यवस्थित रूप देने की तैयारी कर रहा है। नदी तट की बंजर पड़ी वन भूमि के सौंदर्यीकरण के सुध लेते हुए विभाग ने योजना तैयार की है। इसके मुताबिक असी गंगा के तटों पर बंजर पड़ी भूमि पर मुख्यमंत्री हरित विकास योजना के तहत नव गृह वाटिका, पुष्प वाटिका तथा पिकनिक स्पॉट बनाये जाएंगे। जल क्रीड़ा करने के शौकीनों के लिए वाटर स्पो‌र्ट्स को खास तरीके से विकसित करने की भी योजना है, ताकि किसी भी पर्यटक को जलक्रीड़ा करते समय कोई परेशानी का सामना न करना पड़े। बाड़ाहाट रेंज के वनाक्षेत्राधिकारी आशीष डिमरी के मुताबिक असी गंगा के 10 किलोमीटर के क्षेत्र में बंजर पड़ी वन भूमि पर यह सभी कार्य किए जाएंगे। इसके लिए शासन से अनुमति का इंतजार है।

स्थानीय लोग उठा सकेंगे लाभ

उत्तरकाशी: वन विभाग की असी गंगा घाटी की इस योजना को शासन स्तर से स्वीकृति मिलती है तो इसमें नवगृह वाटिका बनाने के साथ ही कैंपिंग साइट तथा छोटे-छोटे पार्क बनाए जाएंगे। इन्हें सामुदायिक विकास योजना के आधार पर संचालित किया जाएगा, ताकि पर्यटन से स्थानीय लोगों को रोजगार उपलब्ध हो सके। असी गंगा घाटी के बाद अगोड़ा डोडीताल ट्रैक पर वन विभाग की गतिविधियां सामुदायिक स्तर पर ही संचालित हो रही हैं।

'असी गंगा क्षेत्र में नवगृह वाटिका योजना बनाई है नवगृह वाटिका का प्रस्ताव स्वीकृति के लिए शासन को भेज दिया है। मंजूरी मिलते ही इस दिशा में कार्य शुरू कर दिया जाएगा'

डॉ.आईपी सिंह

प्रभागीय वनाधिकारी।

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