Tuesday, 28 September 2010
गंगा की कहानी बयां करेगा 'संग्रहालय'
हिमालय की गोद 'गंगोत्री' से निकलकर 'गंगासागर'
तक कल-कल बहने वाली पतित पावन गंगा की यात्रा की कहानी के रहस्य को एक स्थान पर समाहित करने के लिए उत्तराखण्ड सरकार ने एक अनोखा संग्रहालय बनाने का फैसला किया है।
लगभग चालीस करोड़ की लागत से बनने वाला यह संग्रहालय हरिद्वार के हर की पैडी के ठीक सामने चण्डी द्वीप में बनाया जाएगा। इसमें गंगा के उद्गम से लेकर उसके अंतिम प्रवाह तक के रहस्य समाहित होंगे।
हरिद्वार के जिलाधिकारी आर. मीनाक्षी सुंदरम ने बताया कि प्रस्तावित गंगा संग्रहालय हर की पैडी के ठीक सामने चण्डी द्वीप में बनेगा। उन्होंने बताया कि जवाहर लाल नेहरू राष्ट्रीय शहरी नवीनीकरण मिशन के तहत यह योजना मंजूरी के लिए राज्य के शहरी विकास मंत्रालय को भेजी गई है।
सुदंरम ने बताया कि प्रस्तावित योजना के तहत एक बड़ा संग्रहालय बनेगा। जिसमें गंगा के धार्मिक महत्वों सहित उसका ऐतिहासिक विवरण इस संग्रहालय में रहेगा।
उन्होंने बताया कि प्रस्तावित संग्रहालय हर की पैडी के सामने दीनदयाल पार्किग स्थल से उस पार चण्डी द्वीप में स्थित होगा। यहां जाने के लिए एक पुल बनाने की भी योजना है।
उधर, राज्य के शहरी विकास मंत्रालय की मानें तो सरकार ने इस योजना को मंजूरी दे दी है। हालांकि इसके मूर्त रूप लेने में अभी भी दो वर्ष का समय लगेगा।
मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि गंगा संग्रहालय एक अनूठा म्यूजियम होगा। जहां एक साथ बैठकर गंगा की महिमा को जाना जा सकेगा। प्रस्तावित संग्रहालय में हजार से अधिक लोगों के बैठने की क्षमता वाला आधुनिक व वातानुकूलित थियेटर भी रहेगा।
जिसमें देश दुनिया से आने वाले श्रद्धालु राष्ट्र की सांस्कृतिक धरोहर पावन गंगा की महिमा को जान सकेंगे।
इस संग्रहालय में गंगा की गंगोत्री से गंगासागर तक की यात्रा का मनोहारी वर्णन होगा। उम्मीद जताई जा रही है तीर्थ नगरी में बनने वाला यह संग्रहालय अपने आप में अनोखा होगा जिसे देख कर लोग अचरज में रह जाएंगे।
गौरतलब है कि केन्द्र सरकार द्वारा शहरी क्षेत्रों में विकास के लिए जवाहर लाल नेहरू राष्ट्रीय शहरी नवीनीकरण मिशन के तहत राज्यों को अलग से धन मुहैया कराया जाता है। इसी योजना के तहत हरिद्वार प्रशासन ने प्रस्तावित गंगा संग्रहालय को बनाने का निर्णय लिया है।
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