Wednesday, 29 September 2010

कॉमनवेल्थ गेम्स में बिखरेगी उत्तराखंड की संस्कृति

जोशीमठ। उत्तराखंड में प्रतिभाओं की कोई कमी नहीं है। अपनी प्रतिभाओं का लोहा मनवा चुके उत्तराखंड के लोग अब कॉमनवेल्थ गेम्स में भी अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करेंगे। - कामनवेल्थ गेम्स में ‘बीटस आफ उत्तराखंड’ के कार्यक्रम के दौरान सीमांतवासी वाद्य यंत्रों की प्रस्तुतियां देंगे। भोटिया सांस्कृतिक कला मंच के प्रमुख प्रेम हिंदवाल उत्तराखंड की ओर से लीड रोल करेंगे। कॉमनवेल्थ गेम्स के दौरान नौ अक्तूबर को उत्तराखंड बीट्स के दौरान जहां पौड़ी के कलाकार बाबा केदार नृत्य, कुमाऊं से छपेली नृत्य और जौनसार के कलाकार हारूल नृत्य का प्रदर्शन करेंगे तो चमोली जनपद के सीमांत ब्लाक जोशीमठ के लोक कलाकार वाद्ययंत्रों की शानदार प्रस्तुति देकर विश्व समुदाय को उत्तराखंड के वाद्य यंत्रों की झलक से रूबरू कराएंगे। उत्तराखंड की ओर से वाद्य यंत्रों में लीड रोल करने जा रहे लोक कलाकार प्रेम हिंदवाल के अनुसार उत्तराखंड बीट्स में उनके कलाकारों द्वारा ढोल, दमांऊ, भंकूर, भांणू, डौंर, हुडका, थाली, मुछंग, रणसिम्हा और मसक बीन आदि के वादन के साथ शानदार प्रस्तुतियां दी जाएंगी। उत्तराखंड संस्कृति विभाग के रंग मंडल संयोजक बलराज नेगी ने बताया कि 9 अक्तूबर को दिल्ली में होने वाले इस कार्यक्रम में सीमांत कलाकार न केवल वाद्य यंत्रों का बल्कि प्रसिद्ध पौंणा नृत्य का भी प्रदर्शन करेंगे। प्रख्यात लोक गायक दरबार नैथवाल, किसन महिपाल ने इस बुलावे को विश्व पटल पर उत्तराखंड की संस्कृति को पहुंचाने का शानदार अवसर बताया है। वाद्य यंत्रों के साथ पौणा नृत्य की प्रस्तुति देंगे कलाकार

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