Saturday, 27 February 2010
- देश की श्रेष्ठ मेडिकल लाइब्रेरी गढ़वाल में
-श्रीनगर मेडिकल कालेज की लाइब्रेरी में नौ हजार से अधिक अपडेट किताबें
-देश-विदेश करीब दो सौ जर्नल्स भी उपलब्ध
श्रीनगर गढ़वाल, (पौड़ी) : प्रदेश का पहला राजकीय मेडिकल कालेज अपनी स्थापना के तीन साल के भीतर देश की श्रेष्ठ मेडिकल लाइब्रेरी बनकर उभरा है। लाइब्रेरी में लगभग दो सौ देशी- विदेशी जर्नल्स उपलब्ध हैं। इसके अलावा नौ हजार किताबों के भंडार के साथ यह लाइब्रेरी देश के बड़े मेडिकल कालेजों को टक्कर देने को तैयार हैं।
श्रीनगर स्थित मेडिकल कालेज की स्थापना तीन वर्ष पूर्व हुई थी। कालेज के प्राचार्य डा. विपेंद्र सिंह चोपड़ा ने बताया कि लाइब्रेरी में 142 विदेशी जर्नल्स के साथ 18 भारतीय व 41 अन्य प्रतिष्ठित जर्नल्स भी लाइब्रेरी में उपलब्ध हैं। विश्व प्रतिष्ठित नेचर, ब्रिटिश मेडिकल जर्नल्स लेनसेट सहित अन्य कई उच्चतम रेटिंग के लेटेस्ट जर्नल भी लाइब्रेरी में मौजूद हैं। खास बात यह है कि इन सभी जर्नल्स के दस साल पुराने वाल्यूम्स भी उपलब्ध हैं। प्राचार्य डा. चोपड़ा ने बताया कि 21 महत्वपूर्ण रिसर्च जर्नल्स तो उन्होंने खुद अपनी ओर से लाइब्रेरी को डोनेट किए हैं। इसके अलावा मेडिकल छात्रों के लिए लगभग नौ हजार अपडेट मेडिकल किताबें भी लाइब्रेरी में हैं, जिनमें से कई किताबों का मूल्य प्रति पुस्तक 19 हजार रुपये से भी अधिक है। प्राचार्य डा. चोपड़ा ने बताया कि मेडिकल कालेज के सीनियर फैकल्टी सदस्यों ने भी कालेज को पचास पुस्तकें दी हैं। डा. चोपड़ा ने बताया कि छात्रों को अपडेट जानकारियां देने को विशेष थेरेपेटिक बुलेटिन भी शुरू किया गया है। इसके अलावा फैकल्टी के लिए रेफरेंस मेडिकल बुक्स को भी लाइब्रेरी में रखा गया है।
अन्य मेडिकल कालेजों में एमडी, एमएस जैसे पीजी पाठ्यक्रमों के साथ ही सुपरस्पेशलिटी पाठ्यक्रम भी पिछले कई सालों से संचालित हो रहे हैं। जबकि श्रीनगर मेडिकल कालेज में अभी एमबीबीएस द्वितीय वर्ष का पहला बैच ही चल रहा है। इतनी अल्प अवधि में मेडिकल लाइब्रेरी को अपडेट करने के लिए प्राचार्य डा. विपेन्द्र चोपड़ा की प्राथमिकता भी रंग लायी। प्राचार्य डा. चोपड़ा लगभग प्रतिदिन लाइब्रेरी के कार्यों का अवलोकन भी करते हैं।
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