Thursday, 25 February 2010
नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने महर्षि लक्ष्मीबाइ
नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने महर्षि लक्ष्मीबाई व्यायाम मंदिर
झांसी द्वारा दी जाने वाली व्यायाम रत्न की उपाधि को डीपीएड के समकक्ष मान्य ठहराते हुए उत्तराखंड सरकार को ऐसे डिग्रीधारी अभ्यर्थियों को सहायक अध्यापक (शारीरिक शिक्षा) के पद पर नियुक्ति देने हेतु विचार करने के निर्देश दिए हैं।
याची संजय सिंह समेत अनेक व्यायाम रत्न डिग्री धारकों द्वारा हाईकोर्ट मेें एक याचिका दायर करते हुए कहा गया था कि उनके द्वारा वर्ष 2002 में सहायक अध्यापक (शारीरिक शिक्षा) हेतु आवेदन किया गया था, परन्तु सरकार द्वारा उनके आवेदन पर विचार नहीं किया गया और कहा गया कि व्यायाम रत्न की डिग्री डीपीएड के समकक्ष नहीं होती। याचिका कर्ताओं के अधिवक्ता द्वारा कोर्ट को बताया गया कि उक्त डिग्री डीपीएड के समकक्ष है, जिस पर हाईकोर्ट की एकल पीठ ने याचिका को स्वीकार करते हुए सरकार को निर्देश दिया था कि वह याचिका कर्ताओं को सहायक अध्यापक शारीरिक शिक्षा के रूप में नियुक्त करने पर विचार करे। इधर उक्त आदेश के विरुद्ध सरकार द्वारा विशेष अपील दायर की गई। हाईकोर्ट की खंडपीठ ने विशेष अपील की सुनवाई के बाद एकल पीठ के फैसले को बरकरार रखते हुए विशेष अपील खारिज कर सरकार को निर्देश दिए कि वह याचिका कर्ताओं की नियुक्ति पर विचार करे। मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश जेएस खेहर व न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया की खंडपीठ में हुई।
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