Saturday, 7 November 2009

-हरिद्वार में बना फोर व्हीलर इंजन

-स्पीड क्राफ्ट कंपनी ने तैयार किया देश का पहला फोर व्हीलर इलेक्ट्रिक इंजन -इलेक्ट्रिक लाइन और रेलवे ट्रैक की रिपेयरिंग में आएगा काम -सवा करोड़ की लागत से तैयार हुआ इंजन हरिद्वार सिडकुल (स्टेट इनफ्रास्टक्चर ऐंड इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कार्पोरेशन ऑफ उत्तराखंड लिमिटेड)स्थित एक कंपनी के इंजीनियरों की टीम ने इलेक्ट्रिक ट्रेन की पटरी और विद्युत लाइन की मरम्मत करने के लिए देश का पहला चार पहिया इलेक्ट्रिक इंजन तैयार करने में कामयाबी हासिल की है। अभी तक आठ पहिया वाले इंजन से ही काम लिया जाता रहा है। सवा करोड़ की लागत से डेढ़ वर्ष में इस इंजन को मूर्त रूप दिया गया है। इसे ओवर हेड इक्यूपमेंट (ओएचई) नाम दिया गया है। सिडकुल स्थित स्पीड क्राफ्ट कंपनी ने देश के इतिहास में पहली बार चार पहिया वाला इलेक्ट्रिक इंजन तैयार किया है। यह इंजन विद्युत रेलखंड पर गुजरने वाले रेलवे ट्रैक और विद्युत लाइनों में आई खराबी को को पल भर में पकड़ लेगा। इंजीनियरों को इसे तैयार करने में करीब डेढ़ साल का वक्त लगा। 24 टन से अधिक वजन वाला यह विशेष इंजन इलेक्ट्रिक लाइन और रेलवे ट्रैक में आई खराबी को ढूंढने में माहिर है। इंजन को दोनों ओर से आसानी से संचालित किया जा सकता है। अंदर कुछ आधुनिक मशीनें लगी हुई हैं, जो तुरंत कमियों को पकड़ लेती है। इंजन की खासियत यह है कि इसके ऊपर एक साथ दस इलेक्ट्रिक मैन चढ़कर लाइन में आई खराबी को दूर कर सकते हैं। इससे रास्ते में फंसा कोई विद्युत इंजन या विद्युत लाइन तुरंत ठीक हो सकती है। इसका लाभ यह कि रेलवे लाइन तकनीकी गड़बड़ी से ज्यादा देर तक जाम नहीं हो सकेगी। सिडकुल के स्पीड क्राफ्ट फैक्ट्री से इंजन को हरिद्वार रेलवे स्टेशन लेकर आ रहे कंपनी के प्रोडक्शन मैनेजर अनुज चौहान ने बताया कि चार पहियों वाला यह देश का पहला इंजन है। रात में भी यह पूरी रफ्तार से चलने में सक्षम है। लखनऊ से एक दस सदस्यीय टीम इसका परीक्षण करने सोमवार को हरिद्वार पहुंच रही है। फिर इसे रेलवे की जरूरत के मुताबिक आर्डर मिलने पर तैयार किया जाएगा।

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