Tuesday, 17 November 2009

उन्नीसवें स्थान पर खिसका उत्तराखंड

बीस सूत्रीय कार्यक्रम: पहली तिमाही में सबसे खराब प्रदर्शन , देहरादून बीस सूत्रीय कार्यक्रम में उत्तराखंड साल दर साल नीचे फिसलता चला जा रहा है। चालू वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही में उत्तराखंड की उपलब्धि कतई संतोषजनक नहीं रही। तीस राज्यों में उत्तराखंड का स्थान उन्नीसवां है। केंद्रीय योजना आयोग ने तीस राज्यों का चालू वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही का स्कोर कार्ड जारी किया है, जिसमें कर्नाटक 46 अंक लेकर 85 प्रतिशत उपलब्धि के साथ सबसे ऊपर है। आंध्र प्रदेश के 37 अंक हैं और 82 प्रतिशत उपलब्धि प्राप्त कर वह दूसरे स्थान पर है। 37 अंक और 82 प्रतिशत उपलब्धि हिमाचल प्रदेश की भी है, लेकिन उसके दो कार्यक्रम डी श्रेणी में हैं, इसलिए हिमाचल को तीसरे स्थान पर रखा गया है। उत्तराखंड के साथ गठित झारखंड राज्य 37 अंक और 77 प्रतिशत उपलब्धि के साथ चौथे स्थान पर है। महत्वपूर्ण बात यह है कि झारखंड का कोई भी कार्यक्रम डी श्रेणी का नहीं है। उत्तराखंड 32 अंक लेकर 59 प्रतिशत उपलब्धि के साथ उन्नीसवें स्थान पर है। उत्तराख्ंाड के तीन कार्यक्रम डी श्रेणी में, छह सी श्रेणी में और एक बी श्रेणी में हैं। उत्तराखंड के ए श्रेणी वाले कार्यक्रमों की संख्या आठ है। उत्तराखंड की खराब परफारमेंस एसजीआरवाई के अंतर्गत सहायता प्राप्त वैयक्तिक स्वरोजगार योजना, स्वयं सहायता गु्रपों को प्रदान किए गए आय अर्जन कार्यकलाप, निर्मित आवास-आईएवाई, सहायता प्राप्त अनुसूचित जाति परिवार, क्रियाशील आंगनबाडि़यां, सार्वजनिक एवं वन भूमि में रोपण, राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के अंतर्गत गांवों का विद्युतीकरण तथा पंपसेटों को बिजली के मामले में है। आयोग ने इसे खराब श्रेणी में रखा है। हालांकि, खाद्य सुरक्षा के अंतर्गत सार्वजनिक वितरण प्रणाली एपीएल, बीपीएल तथा अंत्योदय, चालू एकीकृत बाल विकास योजना, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत सड़कों का निर्माण तथा प्रदान की गई बिजली के मामले में उत्तराखंड का प्रदर्शन बेहतर रहा है, जिसे योजना आयोग ने बहुत अच्छी श्रेणी में रखा है। उत्तराखंड लगातार तीन सालों तक बीस सूत्रीय कार्यक्रम में देश में पहले स्थान पर रह चुका है। पिछले तीन सालों से राज्य की परफार्मेस लगातार खराब हो रही है। चालू वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही में उत्तराखंड को अब तक सबसे खराब श्रेणी शुमार किया गया है।

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