Thursday, 19 November 2009

उत्तराखंड की किरन ने रचा इतिहास

देहरादून,: सूबे की खेल प्रतिभाएं समय-समय पर राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय फलक पर चमक बिखेरती रहीं है। फिर चाहे वह सुरेंद्र भंडारी हों प्रीतम बिंद हों या फिर पंकज डिमरी। इसी कड़ी में अब एक नाम किरन तिवारी का भी जुड़ गया है। हल्द्वानी निवासी किरन तिवारी ने हाल ही में ग्वांगजोंग(चाइना)में हुई 18वीं एशियन एथलेटिक्स चैंपियनशिप की तीन हजार मीटर स्टेपलचैस में कांस्य पदक जीतकर इतिहास रच दिया। दैनिक जागरण से फोन पर हुई बातचीत में किरन ने बताया कि अभी तक भारत को स्टेपलचैस में कोई पदक नहीं मिला। उन्होंने पहली बार यह पदक जीता। स्टार एथलीट किरन का कहना है कि यह उनका पहला विदेशी टूर था, काफी मजा आया। काफी कुछ सीखने को मिला, जिसका भविष्य में होने वाली प्रतियोगिताओं में फायदा मिलेगा। भविष्य की योजनाओं के बारे में किरन का कहना है कि 2010 में होने वाले कॉमनवैल्थ गेम में भारत के लिए पदक जीतना उनकी प्राथमिकता में है। इसके लिए वह अभी पटियाला में कैंप कर रही हैं। इसके बाद चाइना में ही एशियन गेम होने हैं। रेलवे में कार्यरत किरन का अपनी जीत का श्रेय शुरुआती दौर में उनके कोच रहे विनोद पोखरियाल और ममता जोशी को देती हैं। उनका कहना है कि शुरुआती दौर में बेसिक पर ध्यान दिया। राष्ट्रीय स्तर पर कई पदक जीत चुकीं किरन को बधाई देते हुए पूर्व अंतरराष्ट्रीय धावक विनोद पोखरियाल ने कहा कि यह देश व प्रदेश के लिए बहुत बड़ी उपलब्धि है। उत्तराखंड एथलेटिक्स एसोसिएशन के सचिव संदीप शर्मा ने उम्मीद जताई है कि वह आगे भी पदक जीतेंगी।

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