Tuesday, 17 November 2009

-दूधातोली में खुलेगा मोनाल कंजर्वेशन रिजर्व सेंटर -250 हेक्टेयर भूमि का हुआ चयन, मोहर लगनी बाकी -वन महकमे ने की राज्य पक्षी के लिए पहल शुरू -सूबे के केदारनाथ वन प्रभाग में मोनाल की संख्या सबसे ज्यादा , पौड़ी गढ़वाल सात रंगों की सलोनी काया के मालिक राज्य पक्षी मोनाल के संरक्षण की दिशा में वन महकमे ने पहल शुरू कर दी है। अगर सब कुछ ठीक-ठाक रहा तो राज्य पक्षी पौड़ी के आस-पास के क्षेत्रों में दिखेगा। वन महकमे ने थलीसैंण क्षेत्र के दूधातोली में मोनाल कंजर्वेशन सेंटर खोलने की कवायद शुरू कर दी है। पृथक राज्य गठन के बाद राज्य में 2005 में पहली बार राज्य पक्षी मोनाल की गणना शुरू हुई थी, गणना के आंकड़े चौंकाने वाले, लेकिन सुखद रहे। गणना के मुताबिक राज्य में राज्य पक्षी मोनाल की संख्या 919 दर्ज की गई। राज्य के कुल 31 वन प्रभागों में केदारनाथ वन प्रभाग में मोनाल की संख्या सबसे ज्यादा पाई गई। यहां अकेले 367 राज्य पक्षियों की संख्या दर्ज की गई। बर्ड आफ सेवन कलर के नाम से जाने वाले राज्य पक्षी मोनाल का वैज्ञानिक नाम लोफोफारस है और यह ठंडे इलाकों में वास करता है। अति सुंदर एवं सुकोमल काया के मालिक राज्य पक्षी मोनाल बरबस ही पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है। राज्य पक्षी की कोकिली आवाज में संगीत की धुनों निकलती हैं, लेकिन गढ़वाल वन प्रभाग में राज्य पक्षी मोनाल की संख्या के आंकड़े चिंताजनक है। गढ़वाल वन प्रभाग में महज 7 मोनाल हैं। वन महकमे ने पौड़ी एवं आस-पास के क्षेत्रों में राज्य पक्षी की संख्या में इजाफा करने की पहल शुरू कर दी है। इतना यह है कि यदि यह पहल रंग लाई तो पौड़ी और आस-पास के क्षेत्रों में विचरण करते मोनाल यहां पर्यटकों को लुभाने लगेगा। असल में वन महकमे ने मंडल मुख्यालय के सटे प्रखंड थलीसैंण से 25 किलोमीटर की दूरी पर स्थित पीठसैंण के दूधातोली आरक्षित वन क्षेत्र के कंपार्टमेंट नं. 2 में मोनाल कंजर्वेशन सेंटर खोलने की योजना बनाई है। इसके लिए 250 हेक्टेयर भूमि का चयन भी कर लिया गया है, बाकायदा इसके लिए अपर वन संरक्षक को प्रस्ताव भी भेजा गया है, जिस पर अंतिम मोहर लगनी बाकी रह गई है। मुख्य वन संरक्षक गढ़वाल मंडल डीबीएस खाती का कहना है कि इस माह के अंत तक प्रस्ताव को स्वीकृति मिल जाएगी।

No comments:

Post a Comment