Thursday 14 July 2011

स्वतंत्रता सेनानी आश्रित कहलाएंगे उत्तराधिकारी

सरकार ने स्वतंत्रता सेनानियों और उनके आश्रितों की मुराद पूरी कर दी। आश्रित अब उत्तराधिकारी माने जाएंगे। सेनानियों की विवाहित पुत्रियों को भी परिचय पत्र दिए जाएंगे। शिक्षण संस्थाओं में क्षैतिज (हॉरिजंटल) आरक्षण के लिए परिचय पत्र ही बतौर सर्टिफिकेट मान्य होंगे। उन्हें निजी अस्पतालों में मुफ्त चिकित्सा मुहैया होगी।

मुख्य सचिव सुभाष कुमार की अध्यक्षता में बुधवार को सचिवालय में स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की मांगों के संबंध में बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। यह तय हुआ कि सरकारी गेस्टहाउस और इंस्पेक्शन हाउस में सेनानियों की पहली पीढ़ी के उत्तराधिकारी को ठहरने की सुविधा होगी। सरकारी योजनाओं और समितियों में उन्हें नामित किया जाएगा। दून में जोगीवाला बाईपास पर स्वतंत्रता संग्राम सदन बनेगा। बैठक में मुख्य सचिव ने डीएम सचिन कुर्वे को तलब किया। डीएम के दो में से एक विकल्प जोगीवाला बाईपास पर एक बीघा जमीन पर सदन के निर्माण का निर्णय हुआ।

सरकार के निर्णय की कड़ी में विद्यालयी शिक्षा महकमा सेनानियों के परिचय पत्र को क्षैतिज आरक्षण के लिए प्रमाण पत्र मनाने संबंधी शासनादेश जारी कर चुका है। मुख्य सचिव ने उच्च शिक्षा, तकनीकी शिक्षा और चिकित्सा शिक्षा को उक्त आदेश जारी करने के निर्देश दिए। अब सेनानियों के उत्तराधिकारियों की पहली पीढ़ी सरकारी बसों में मुफ्त यात्रा कर सकेगी। इस बाबत परिवहन महकमे को शासनादेश जारी करने को कहा गया। स्वतंत्रता सेनानियों की विधवाओं को भी राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार करने के बारे में पखवाड़े के भीतर फैसला होगा।

मुख्य सचिव के मुताबिक सेनानियों के उत्तराधिकारियों को सरकारी अस्पतालों में मुफ्त चिकित्सा सुविधा के बारे मे जल्द फैसला होगा। साथ ही राज्य के विभिन्न स्थानों पर गली-चौराहों का नामकरण स्वतंत्रता सेनानियों के नाम पर रखने के बारे में सभी जिलाधिकारियों को शासन से निर्देश जारी किए जाएंगे। आवासहीन स्वतंत्रता सेनानियों और उनके उत्तराधिकारियों को आवास के लिए भूमि मुहैया कराने के प्रस्ताव का परीक्षण होगा। बैठक में गृह प्रमुख सचिव राजीव गुप्ता, गृह अपर सचिव भास्करानंद, तकनीकी शिक्षा अपर सचिव (स्वतंत्र प्रभार) आरके सुधांशु, अपर सचिव उषा शुक्ला, विनोद रतूड़ी, उप सचिव जेपी जोशी और स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और उनके उत्तराधिकारी मौजूद थे।

1 comment:

  1. सर कितनी पीढ़ी तक इसका लाभ पे सकेंगे ?

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