Saturday, 19 February 2011

-टाटा के लिए रेड कार्पेट

राज्य सरकार ने देश के प्रमुख औद्योगिक घराने टाटा समूह के लिए रेड कार्पेट बिछा दिया है। मुख्यमंत्री डा. रमेश पोखरियाल निशंक ने टाटा समूह द्वारा प्रस्तावित विभिन्न योजनाओं के लिए प्रमुख सचिव एवं प्रबंधन निदेशक सिडकुल एस राामस्वामी को नोडल अफसर नामित करते हुए सिंगल विंडो सिस्टम की तर्ज पर एक कोआर्डिनेशन सेल गठित करने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने उम्मीद जताई कि टाटा समूह उत्तराखंड में दस हजार करोड़ रुपये का निवेश करेगा जिससे राज्य में करीब पचास हजार रोजगार सृजित होंगे। समूह ने कांट्रेक्ट फार्मिंग, हाइड्रो पावर, हेल्थ टूरिज्म और आईटी के क्षेत्र में रुचि प्रदर्शित की है। टाटा समूह का एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल गुरुवार को सचिवालय में मुख्यमंत्री से मिला। गत वर्ष राज्य स्थापना दिवस पर आयोजित व्याख्यान माला में मुख्य अतिथि के तौर पर गु्रप के चेयरमैन रतन टाटा आए थे। उन्होंने उत्तराखंड में निवेश में रुचि दिखाई थी। इसी क्रम में समूह के प्रतिनिधि आज मुख्यमंत्री से मिले। मुख्यमंत्री डा.रमेश पोखरियाल निशंक ने मुख्य सचिव को निर्देश दिया कि सिडकुल के प्रबंध निदेशक एस रामास्वामी को नोडल अधिकारी नामित करते हुए सिंगल विंडो की तर्ज पर कोआर्डिनेशन सेल बनाएं। उन्होंने टाटा समूह द्वारा प्रस्तावित परियोजनाओं का परीक्षण करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि वे तात्कालिक एवं दीर्घकालिक योजनाएं बनाकर टाटा समूह के प्रस्तावों पर कार्यवाही करें। उन्होंने पर्वतीय क्षेत्र के लिए विशेष रूप से योजनाएं बनाने को कहा। टाटा समूह के वाइस प्रेजिडेंट एएस पुरी ने मुख्यमंत्री को बताया कि समूह को उत्तराखंड में काम करने का अच्छा अनुभव रहा है। पंतनगर प्लांट बेहतर उत्पादन दे रहा है। अभी इस प्लांट की क्षमता ढाई लाख गाडिय़ां प्रति वर्ष उत्पादन की हैं, जिसे दोगुना किया जा रहा है। उन्होंने कांट्रेक्ट फार्मिंग में रुचि दिखाई। इससे पूर्व सचिवालय में मुख्य सचिव की अध्यक्षता में अफसरों का टाटा समूह के प्रतिनिधियों के साथ विचार विमर्श हुआ। बैठक के बाद मुख्य सचिव सुभाष कुमार ने पत्रकारों को बताया कि हास्पिटेलिटी, आईटी, पावर सेक्टर में समूह ने रुचि दिखाई है। होटल तथा लोकॉस्ट हाउसिंग पर भी काम करने में रुचि दिखाई है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में बेहतर औद्योगिक माहौल से भी समूह रुचि ले रहा है। टाटा समूह के वाइस प्रेसिडेंट एएस पुरी ने बताया कि कांट्रेक्ट फार्मिंग, रन आफ दि रिवर हाइड्रो प्रोजेक्ट, हेल्थ टूरिज्म पर समूह काम करना चाहता है। पर्वतीय क्षेत्र में आईटी तथा साफ्टवेयर के क्षेत्र में काम किया जा सकता है। आईटी पार्क में सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में निवेश को लेकर आइटी विभाग ने तथा पर्यटन, होटल, रिजार्ट, ईको टूरिज्म पर पर्यटन विभाग ने प्रस्तुतीकरण दिया। ऊर्जा विभाग ने 800 मेगावाट क्षमता की परियोजनाओं का प्रस्तुतीकरण दिया।

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