Thursday, 20 May 2010
बदरीनाथ धाम के कपाट खुले
-पहले दिन किए हजारों भक्तों ने भगवान बदरी विशाल के दर्शन
-अगले छह माह तक भक्त कर सकेंगे दर्शन
-पहले दिन दर्शन करने वालों में प्रसिद्ध उद्योगपति अनिल अंबानी भी
बदरीनाथ,: रिमझिम बारिश और वैदिक मंत्रोच्चार के बीच चार धामों में सर्वश्रेष्ठ धाम बदरीनाथ के कपाट बुधवार को श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खोल दिए गए। इस दौरान गढ़वाल स्काउट के बैंड की भक्तिमय धुनों और बदरीनाथ के जयकारों से पूरा बदरीकाश्रम गुंजायमान हो उठा। देश-विदेश से आए हजारों भक्तों ने पहले दिन भगवान बदरीविशाल के दर्शन किए।
बुधवार की तड़के ही बदरीनाथ क्षेत्र में बारिश शुरू हो गई। सुबह लगभग पौने आठ बजे मुख्य पुजारी रावल केशव प्रसाद नम्बूदरी, धर्माधिकारी जगदम्बा प्रसाद सती, भीतला बड़वा भगवती प्रसाद डिमरी, मुख्य कार्याधिकारी पीसी डंडरियाल आदि ने मंदिर में प्रवेश किया। तत्पश्चात सभी धार्मिक व पौराणिक परम्पराओं का निर्वहन करते हुए मुख्य पुजारी रावल केशव प्रसाद नम्बूदरी ने शीतकाल में छह माह तक गर्भगृह में नारायण की मूर्ति के साथ विराजित महालक्ष्मी की मूर्ति को बाहर लाकर मंदिर परिसर में यथास्थान विराजित किया। इसी दौरान बदरीश पंचायत में भगवान की उत्सव मूर्ति उद्धव जी एवं धन के देवता कुबेर जी को भी पुजारी रावल ने गर्भगृह के भीतर यथास्थान विराजित किया। इसके बाद भगवान की महाभिषेक पूजा के साथ ही उन्हें खीर भोग चढ़ाया गया और फिर ठीक 8 बजकर 6 मिनट पर वेदमंत्रों के उच्चारण के बीच बदरीविशाल के कपाट ग्रीष्मकाल के लिए श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खोल दिए गए। कपाट खुलने के मौके पर जहां मंदिर के भीतर मंत्रोच्चारण किए जा रहे थे, वहीं मंदिर के बाहर गढ़वाल स्काउट के बैंड की धुनों ने वातावरण को अधिक भक्तिमय बना दिया। माणा व बडग़ांव की महिलाओं ने भी देव स्तुति में गीत गाकर श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध किया। कपाट खुलते ही जयकारों के साथ पंक्तिबद्ध भक्तजनों ने बदरीविशाल के दर्शन किए।
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