Thursday, 6 May 2010

-बदरीनाथ में तैयार हो रहा है 'नन्हा भारत

-नौ हेक्टेयर क्षेत्र में फैल रहा है बदरीश एकता वन -सभी राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों को वन क्षेत्र में आरक्षित है भूमि -पर्यावरण संरक्षण को आस्था से जोडऩे की हो रही है अनूठी पहल -यात्री यात्रा की स्मृति में वन क्षेत्र में लगा रहे हैं एक-एक पौध Pahar1- गोपेश्वर(चमोली): श्रीबदरीनाथ धाम में मिनी इंडिया तैयार हो रहा है। महज सात वर्ष के इस नन्हे भारत की आबादी अब तक 734 हो गई है। आस्था और विश्वास से सींचे जा रहे इस भारत में सभी राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों के लिए भूमि आरक्षित है, जिनमें फिलहाल चार प्रजातियों की वंशवृद्धि की जा रही है। यह नया भारत न सिर्फ अनेकता में एकता का प्रतीक है, बल्कि देश और दुनिया को पर्यावरण संरक्षण के लिए एकजुट होने का संदेश भी दे रहा है। बात हो रही है भू-बैकुंठधाम बदरीनाथ में तैयार किए जा रहे बदरीश एकता वन की। 23 जून 2002 को वन महकमे ने श्रीबदरीनाथ धाम में पर्यावरण संरक्षण को आस्था से जोडऩे की एक अनूठी पहल की। माणा और बामणी गांव के सहयोग से बदरीनाथ में देवदर्शनी के पास नौ हेक्टेयर भूमि का चयन किया गया। इस भूमि को 35 हिस्सों में बांटकर सभी 28 राज्यों व 7 केंद्र शासित प्रदेशों के लिए जमीन आरक्षित की गई, जिसे बदरीश एकता वन नाम दिया गया। इसका मकसद था आस्था को पर्यावरण संरक्षण से जोडऩा। यानि बदरीनाथधाम में आने वाले यात्रियों को इस बात के लिए प्रेरित किया जाना कि वे अपने पूर्वजों, परिजनों, मित्रों अथवा यात्रा की स्मृति में अपने-अपने राज्यों के लिए आवंटित भूमि पर एक पौध रोपित करें। इसके लिए पेड़ लगाने वाले प्रत्येक यात्री को वन विभाग को सौ रुपए देने होते हैं, जिसमें वृक्ष की कीमत और उसके रखरखाव का खर्च शामिल है। धीरे-धीरे ही सही लेकिन यह योजना रंग लाने लगी है। अब तक देश के कोने-कोने से यहां आए आम से लेकर खास तीर्थयात्री बदरीश एकता वन में भोजपत्र, कैल, देवदार, जमनोई प्रजातियों के कुल 734 पौधे लगा चुके हैं। इस बात से भी इंकार नहीं किया जा सकता कि प्रचार-प्रसार के अभाव में बदरीश वन फल-फूल नहीं पाया। हालांकि, अब बदरीश वन पर सूबे के मुख्यमंत्री डा. रमेश पोखरियाल निशंक की नजरें इनायत हुई हैं। गत 26 अप्रैल को जोशीमठ पहुंचे डा. निशंक ने न सिर्फ बदरीश वन के कांसेप्ट की सराहना की, बल्कि उसके रखरखाव और सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करने की अहम घोषणा भी की। नई व्यवस्था के तहत इस अनूठे वन को संवारा जाएगा। वन क्षेत्र पर लगे प्रत्येक पौधे पर उसे लगाने वाले व्यक्ति की नेम प्लेट भी लगाई जाएगी और वृक्ष की देखरेख के लिए बाकायदा कर्मचारी भी तैनात किए जाएंगे। ''बदरीश एकता वन को कैम्पा (कंपनसेटरी एफारेस्टेशन मानीटरिंग प्लान अथारिटी) प्रोजेक्ट के तहत विकसित करने के निर्देश मुख्यमंत्री ने दिए हैं। वन क्षेत्र में वृक्षों की देखभाल के लिए कर्मचारी तैनात होंगे और योजना के प्रचार प्रसार के लिए सभी राज्यों में प्रचार सामग्रियां भेजी जाएंगी। हाईटैक प्रचार को भी अपनाया जाएगाÓÓ सनातन, डीएफओ अलकनन्दा भूमि संरक्षण वन प्रभाग - -

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