राष्ट्रीय प्रतिभा खोज परीक्षा (एनटीएसई) होने से सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी ने टीईटी के लिए सरकार से समय मांगा था।
बीटीसी 2015 के चतुर्थ सेमेस्टर की परीक्षा 8 अक्टूबर को शुरू होने के पहले ही सभी पेपर लीक होने के कारण निरस्त करनी पड़ी थी। इस कारण दिसंबर में प्रस्तावित 95 हजार शिक्षकों की भर्ती से बीटीसी-15 बैच के 72668 प्रशिक्षुओं के बाहर होने का खतरा उत्पन्न हो गया।
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इस बीच गुरुवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर में बीटीसी प्रशिक्षुओं को आश्वासन दिया है कि उनकी परीक्षा जल्द कराई जाएगी। मुख्यमंत्री के आश्वासन के बाद इस मसले पर शुक्रवार शाम चार बजे से लखनऊ में बेसिक शिक्षा विभाग के अफसरों की बैठक बुला ली गई है।
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माना जा रहा है कि बैठक में बीटीसी 2015 चतुर्थ सेमेस्टर की परीक्षा जल्द कराने पर निर्णय हो सकता है। यदि ऐसा होता है तो टीईटी टालना पड़ेगा क्योंकि एक साथ दोनों परीक्षाओं की तैयारी कराना संभव नहीं होगा। टीईटी टलने से बीटीसी प्रशिक्षुओं को राहत मिलेगी क्योंकि परीक्षा देर से होने पर शिक्षक भर्ती में शामिल होने की संभावना बढ़ जाएगी।
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