उत्तराखंड
के सरकारी स्कूलों में रिक्त शिक्षकों के छह हजार पदों पर भर्ती का रास्ता
खुलने जा रहा है। अल्पकालिक शिक्षक सेवा भर्ती नियमावली की वजह नई भर्ती
में लगी अड़चन को दूर करने का फार्मूला निकल आया है। न्याय विभाग ने सरकार
को अल्पकालिक शिक्षक भर्ती नियमावली से पूर्व में अस्तित्व में रही
प्रवक्ता और एलटी शिक्षक सेवा नियमावली के अनुसार नियुक्तियां करने को हरी
झंडी दे दी है।
शिक्षा के दो वरिष्ठ अफसरों ने इसकी पुष्टि की। स्कूलों में शिक्षकों की कमी को देखते हुए शिक्षा विभाग ने न्याय विभाग से नई भर्ती को लेकर राय मांगी थी। दरअसल, 29 दिसंबर 2016 को लागू अल्पकालिक शिक्षक भर्ती नियमावली की वजह से सरकार ने एलटी और प्रवक्ता की मौजूदा नियमावलियों को भी संशोधित कर दिया था। इस नियमावली में केवल अतिथि शिक्षकों को ही भर्ती में मौका देने के प्रावधान के खिलाफ कुछ बेरोजगारों ने हाईकोर्ट में इसे नियमावली को चुनौती दे दी थी। हाईकोर्ट ने समानता के अधिकार का हनन मानते हुए नियमावली को स्टे किया हुआ है।
इससे संशोधित एलटी और प्रवक्ता नियमावली भी लटक गई हैं। शिक्षा विभाग के सामने संकट यह है कि 31 मार्च को 4200 से ज्यादा अतिथि शिक्षकों की सेवाए स्थायी रूप से समाप्त होने जा रही है। साथ ही मार्च में बड़ी संख्या में शिक्षक भी रिटायर हो जाएंगे। यदि नई भर्ती नहीं होती तो बडृी संख्या में स्कूलों में शिक्षकों का संकट पैदा हो जाएगा। शासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि न्याय विभाग की राय मिलने से नई भर्ती को लेकर रास्ता खुला है। इस पर उच्च स्तर से अंतिम अनुमोदन लिया जाएगा।
शासन के आदेश की प्रतीक्षा ः शिक्षा विभाग
शिक्षा निदेशक आरके कुंवर का कहना है कि इस मामले में शासन के आदेश के दिशानिर्देश की प्रतीक्षा की जा रही है। यह सत्य है कि 31 मार्च के बाद स्कूलों में शिक्षकों की काफी कमी हो जाएगी। शासन जो आदेश करेगा, उसी के अनुसार कार्यवाही की जाएगी। अध्यक्ष-अतिथि शिक्षक संघ विवेक यादव का कहना है कि यदि पुरानी नियमावलियों के अनुसार भर्ती की जाती है तो अतिथि शिक्षकों के हितों का भी ख्याल रखा जाए। अतिथि शिक्षक पिछले तीन साल से लगातार शैक्षिक सुधार में सहयोग कर रहे हैँ।
ये तथ्य भी जानिए
4346 अतिथि शिक्षकों की सेवाएं समाप्त हो जाएंगी 31 मार्च को
800 के करीब शिक्षक होने जा रहे हैं मार्च रिटायर
शिक्षा के दो वरिष्ठ अफसरों ने इसकी पुष्टि की। स्कूलों में शिक्षकों की कमी को देखते हुए शिक्षा विभाग ने न्याय विभाग से नई भर्ती को लेकर राय मांगी थी। दरअसल, 29 दिसंबर 2016 को लागू अल्पकालिक शिक्षक भर्ती नियमावली की वजह से सरकार ने एलटी और प्रवक्ता की मौजूदा नियमावलियों को भी संशोधित कर दिया था। इस नियमावली में केवल अतिथि शिक्षकों को ही भर्ती में मौका देने के प्रावधान के खिलाफ कुछ बेरोजगारों ने हाईकोर्ट में इसे नियमावली को चुनौती दे दी थी। हाईकोर्ट ने समानता के अधिकार का हनन मानते हुए नियमावली को स्टे किया हुआ है।
इससे संशोधित एलटी और प्रवक्ता नियमावली भी लटक गई हैं। शिक्षा विभाग के सामने संकट यह है कि 31 मार्च को 4200 से ज्यादा अतिथि शिक्षकों की सेवाए स्थायी रूप से समाप्त होने जा रही है। साथ ही मार्च में बड़ी संख्या में शिक्षक भी रिटायर हो जाएंगे। यदि नई भर्ती नहीं होती तो बडृी संख्या में स्कूलों में शिक्षकों का संकट पैदा हो जाएगा। शासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि न्याय विभाग की राय मिलने से नई भर्ती को लेकर रास्ता खुला है। इस पर उच्च स्तर से अंतिम अनुमोदन लिया जाएगा।
शासन के आदेश की प्रतीक्षा ः शिक्षा विभाग
शिक्षा निदेशक आरके कुंवर का कहना है कि इस मामले में शासन के आदेश के दिशानिर्देश की प्रतीक्षा की जा रही है। यह सत्य है कि 31 मार्च के बाद स्कूलों में शिक्षकों की काफी कमी हो जाएगी। शासन जो आदेश करेगा, उसी के अनुसार कार्यवाही की जाएगी। अध्यक्ष-अतिथि शिक्षक संघ विवेक यादव का कहना है कि यदि पुरानी नियमावलियों के अनुसार भर्ती की जाती है तो अतिथि शिक्षकों के हितों का भी ख्याल रखा जाए। अतिथि शिक्षक पिछले तीन साल से लगातार शैक्षिक सुधार में सहयोग कर रहे हैँ।
ये तथ्य भी जानिए
4346 अतिथि शिक्षकों की सेवाएं समाप्त हो जाएंगी 31 मार्च को
800 के करीब शिक्षक होने जा रहे हैं मार्च रिटायर
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