Saturday, 28 April 2012

गढ़वाली, कुमाऊंनी समेत कई क्षेत्रीय भाषाओं को मिलेगा आधिकारिक दर्जा

नई दिल्ली-केंद्र सरकार ने शुक्रवार को लोकसभा में संसद सत्र के दौरान वादा किया है कि कुमाऊंनी, गढ़वाली और कुछ अन्य क्षेत्रीय भाषाओं को आधिकारिक दर्जा दिया जाएगा।
हरियाणवी भाषा को लेकर सरकार की ओर से कहा गया है कि यदि हरियाणा सरकार इस संबंध में संस्तुति भेजती है तो उस पर विचार किया जाएगा। सतपाल महाराज द्वारा पेश किए गए एक विधेयक पर चर्चा करते हुए संसद सदस्यों ने कहा कि हरियाणवी, राजस्थानी, कुमाऊंनी और गढ़वाली आदि भाषाओं की पहचान को बचाने के लिए सरकार को पहल करनी चाहिए। केंद्रीय गृह राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह ने लोकसभा में चर्चा के दौरान कहा कि ऐसी सलाह देना उपयुक्त नहीं है कि सिर्फ गढ़वाली या कुमाऊंनी को (संविधान की आठवीं अनुसूची में) शामिल किया जाए। हरियाणा सरकार की ओर से प्रस्ताव आने पर हरियाणवी को आठवीं अनुसूची में शामिल करने पर विचार किया जाएगा। संघ लोकसेवा आयोग की समिति की रिपोर्ट आने के बाद सरकार भोजपुरी आदि अन्य भाषाओं को भी संवैधानिक दर्जा देने पर विचार करेगी। आयोग की यह समिति महापात्र पैनल की उस रिपोर्ट पर विचार कर रही है ।

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