दिल्ली।। कांग्रेस
के सीनियर नेता तथा उत्तराखंड और यूपी के मुख्यमंत्री रहे नारायण दत्त
तिवारी की मुश्किलें और बढ़ गई हैं। दिल्ली हाई कोर्ट ने पितृत्व विवाद
में कहा है कि अगर नारायण दत्त तिवारी डीएनए टेस्ट के लिए ब्लड देने से
मना करें, तो पुलिस की मदद ली जा सकती है। उन्हें डीएनए जांच के लिए ब्लड
सैंपल देना ही होगा। दिल्ली हाई कोर्ट ने हाई कोर्ट के ही सिंगल बेंच के
उस फैसले को दरकिनार कर दिया, जिसमें कहा गया था कि कांग्रेस के नारायण
दत्त तिवारी को पितृत्व संबंधी मामले में ब्लड के नमूने देने को बाध्य
नहीं किया जा सकता।
गौरतलब है कि रोहित शेखर नामक एक शख्स ने दावा किया है कि वह नारायण दत्त तिवारी का बेटा है। इसके लिए मुकदमा भी दायर किया है।
इससे पहले हाईकोर्ट ने तिवारी को इस मामले में डीएनए सैंपल देने के लिए कहा था, जिसके विरोध में तिवारी सुप्रीम कोर्ट चले गए थे और वहां से भी उन्हें स्टे नहीं मिला था।
इसके बाद रोहित शेखर ने कोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसके मुताबिक कोर्ट अपने दिए गए आदेश की तामील भी करवाए।
गौरतलब है कि रोहित शेखर नामक एक शख्स ने दावा किया है कि वह नारायण दत्त तिवारी का बेटा है। इसके लिए मुकदमा भी दायर किया है।
इससे पहले हाईकोर्ट ने तिवारी को इस मामले में डीएनए सैंपल देने के लिए कहा था, जिसके विरोध में तिवारी सुप्रीम कोर्ट चले गए थे और वहां से भी उन्हें स्टे नहीं मिला था।
इसके बाद रोहित शेखर ने कोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसके मुताबिक कोर्ट अपने दिए गए आदेश की तामील भी करवाए।
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