pahar1- आईये उत्तराखंड की लोकसंस्कृति की झलक देखने(रामलीला मैदान नेरुल,नवी मुंबई )
मुंबईकरों के लिए उत्तराखंड निश्चित ही एक जाना-पहचाना नाम है.उत्तराखंड की यात्रा के दौरान वहां की संस्कृति से रू-ब-रू होनेवाले मुंबईवासियों के लिए अब मुंबई की जमीं पर ही उत्तराखंड की संस्कृति के दर्शन कराने के लिए (18 अप्रैल से 22 अप्रैल 2012 को उत्तऱाखंड कौथिग-2012)
के नाम से एक भव्य उत्तराखंडी सांस्कृतिक मेले का आयोजन किया जा रहा है. मुंबई में लगभग 8 लाख प्रवासी उत्तराखंडी बसे हुए हैं. इन उत्तराखंडियों की भावनाओं का प्रतीक यह मेला उत्तराखंड की संपूर्ण संस्कृति को अपने में समेटे हुए(रामलीला मैदान नेरुल . नवी मुंबई.)पर आयोजित किया जायेगा. मुंबई में बसे प्रवासी उत्तराखंडियों की विभिन्न संस्था मिल कर यह आयोजन कर रहे है,मेले में उत्तराखंड की वेशभूषा, वहां के आभूषण, वहां की पारंपरिक वस्तुओं का प्रदर्शन किया जायेगा. उत्तराखंड की संस्कृति को प्रदर्शित करनेवाले इस मेले में कई स्टॉल्स लगेंगे, जिनमें उत्तराखंड के और भी कई सांस्कृतिक रंग बिखरे हुए होंगे इसमे उत्तराखंड के प्रमुख कलाकार विशेष रूप से शामिल होंगे. इसके इलावा स्थानीय कलाकारों की भागीदारी के साथ ही उत्तराखंड से भी कई प्रमुख लोक-कलाकार इस आयोजन में उत्तराखंडी संस्कृति को नया आयाम प्रदान करेंगे.
मुंबईकरों के लिए उत्तराखंड निश्चित ही एक जाना-पहचाना नाम है.उत्तराखंड की यात्रा के दौरान वहां की संस्कृति से रू-ब-रू होनेवाले मुंबईवासियों के लिए अब मुंबई की जमीं पर ही उत्तराखंड की संस्कृति के दर्शन कराने के लिए (18 अप्रैल से 22 अप्रैल 2012 को उत्तऱाखंड कौथिग-2012)
के नाम से एक भव्य उत्तराखंडी सांस्कृतिक मेले का आयोजन किया जा रहा है. मुंबई में लगभग 8 लाख प्रवासी उत्तराखंडी बसे हुए हैं. इन उत्तराखंडियों की भावनाओं का प्रतीक यह मेला उत्तराखंड की संपूर्ण संस्कृति को अपने में समेटे हुए(रामलीला मैदान नेरुल . नवी मुंबई.)पर आयोजित किया जायेगा. मुंबई में बसे प्रवासी उत्तराखंडियों की विभिन्न संस्था मिल कर यह आयोजन कर रहे है,मेले में उत्तराखंड की वेशभूषा, वहां के आभूषण, वहां की पारंपरिक वस्तुओं का प्रदर्शन किया जायेगा. उत्तराखंड की संस्कृति को प्रदर्शित करनेवाले इस मेले में कई स्टॉल्स लगेंगे, जिनमें उत्तराखंड के और भी कई सांस्कृतिक रंग बिखरे हुए होंगे इसमे उत्तराखंड के प्रमुख कलाकार विशेष रूप से शामिल होंगे. इसके इलावा स्थानीय कलाकारों की भागीदारी के साथ ही उत्तराखंड से भी कई प्रमुख लोक-कलाकार इस आयोजन में उत्तराखंडी संस्कृति को नया आयाम प्रदान करेंगे.
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