भाजपा
के राष्ट्रीय मीडिया प्रमुख व राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी ने कहा कि
श्रीनगर और अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज को पीजीआई का दर्जा दिलवाया जाएगा। साथ ही
हल्द्वानी में ऋषिकेश एम्स के परिसर की स्थापना की जाएगी। स्वास्थ्य
मंत्रालय ने यह कसरत शुरू कर दी है। उन्होंने इस बाबत प्रधानमंत्री नरेंद्र
मोदी को पत्र भी भेजा और जल्द ही उनसे मुलाकात करेंगे।
बलूनी ने उत्तराखंड
की स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूती देने के लिए यह फार्मूला तैयार किया।
स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा से उनकी इस पर कई दौर की बातचीत हो चुकी है और
अब इसका ब्लू प्रिंट प्रधानमंत्री मोदी को भी भेजा है। उन्होंने जो
फार्मूला दिया है उसके तहत श्रीनगर और अल्मोड़ा मेडिकल कालेज को पीजीआई का
दर्जा दिया जा सकता है, ऐसे में बजट रिलीज करने में कोई अड़चनें नहीं आएंगी।
चूंकि ऋषिकेश एम्स को अभी दस साल पूरे नहीं हुए, लिहाजा एम्स की गवर्निंग
बॉडी ही हल्द्वानी के सुशीला तिवारी मेडिकल कॉलेज में एम्स का एक परिसर
खोलने का प्रस्ताव पारित करती है तो इसके लिए मंत्रालय की हरी झंडी का
इंतजार नहीं करना होगा। बलूनी ने कहा कि वे उत्तराखंड की जनता को सुलभ
उपचार दिलाने के लिए प्रयासरत हैं। प्रधानमंत्री मोदी का उत्तराखंड से
भावनात्मक संबंध है, वे देश के पहले ऐसे प्रधानमंत्री हैं जिन्होंने सबसे
ज्यादा उत्तराखंड की यात्राएं की हैं और वहां की समस्याओं से भली भांति
वाकिफ हैं। अटल जी ने बनाया है मोदी जी सवारेंगे के मंत्र के साथ भाजपा
उत्तराखंड के विकास के लिए लगातार काम कर रही है।
आईसीयू का उद्घाटन जनवरी में
बलूनी ने कोटद्वार, उत्तरकाशी और रामनगर में अपने निधि से आईसीयू खोलने का ऐलान किया था। तीनों आईसीयू की स्थापना के लिए बजट भी रिलीज हो चुका है। रामनगर के लिए सबसे ज्यादा सवा करोड़ जबकि उत्तरकाशी आईसीयू यूनिट को 52 लाख व कोटद्वार के लिए 65 लाख रुपये जारी हो चुका है। इन तीनों केंद्रों का उद्घाटन जनवरी माह में होगा।
बलूनी ने कोटद्वार, उत्तरकाशी और रामनगर में अपने निधि से आईसीयू खोलने का ऐलान किया था। तीनों आईसीयू की स्थापना के लिए बजट भी रिलीज हो चुका है। रामनगर के लिए सबसे ज्यादा सवा करोड़ जबकि उत्तरकाशी आईसीयू यूनिट को 52 लाख व कोटद्वार के लिए 65 लाख रुपये जारी हो चुका है। इन तीनों केंद्रों का उद्घाटन जनवरी माह में होगा।
स्वास्थ्य सेक्टर में मेरा लक्ष्य है कि
अगले पांच साल के बाद पहाड़ के किसी भी व्यक्ति को इलाज के लिए दिल्ली न आना
पड़े। इसी दिशा में गंभीरता से काम कर रहा हूं। इससे उत्तराखंड के लोगों को
बड़ी राहत मिलेगी।
अनिल बलूनी, राज्यसभा सदस्य
अनिल बलूनी, राज्यसभा सदस्य
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