Sunday, 8 April 2018

अब परचून की दुकान में भी बिकेगी शराब, उत्तराखंड सरकार का फैसला

कैबिनेट के फैसलों के अनुसार, होटलों और रेस्तरां में बार लाइसेंस के लिए अब हर साल नहीं दोड़ना पड़ेगा। सरकार ने अब तीन साल बार लाइसेंस देने का निर्णय लिया है। आबकारी नीति के तहत अभी तक होटलों में बार लाइसेंस के लिए हर साल आवेदन करना पड़ता था, लेकिन अब यह व्यवस्था तीन साल के लिए कर दी है। इसके साथ ही  पहले डिपार्टमेंटल स्टोर में खुलने वाली दुकानों का टर्नओवर पांच करोड़ किया गया था।
इसे 50 लाख करने के साथ ही केवल नये लाइसेंस व भविष्य में होने वाले नवीनीकरण के लिए किया गया है। हालांकि मॉल में मौजूद इम्पोर्टेड वाइन की दुकानों को टर्नओवर के इस मानक से बाहर रखा गया था। इस पर सवाल खड़े हुए, तो कैबिनेट ने नीति में संशोधन कर दिया। अलबत्ता, मॉल के भीतर की इम्पोर्टेड वाइन शॉप को टर्नओवर की शर्त से छूट दी हुई है। डिपॉर्टमेंटल स्टोर के लिए लाइसेंस शुल्क को भी तीन लाख से बढ़ा कर पांच लाख कर दिया है।
मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक के फैसलों की जानकारी देते हुए सरकारी प्रवक्ता कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक ने बताया कि पूर्व में आबकारी नीति 2018-19 में दुकानों का समूह बना कर नीलामी की व्यवस्था की गई थी। इसमें अब संशोधन करते हुए दुकानवार नीलामी की व्यवस्था की गई। 20 कमरों तक के होटल व रेस्तरां बार की लाइसेंस फीस नीति में पांच लाख की गई थी। इसे घटा कर तीन लाख कर दिया गया है। लाइसेंस तीन साल के लिए दिया जाएगा। एक साथ तीन साल की फीस जमा कराने पर दस प्रतिशत की छूट दी जाएगी। बार के नवीनीकरण को होटल, रेस्तरां में पके भोजन की बिक्री की सीमा 12 लाख से घटाकर 10 लाख रुपये कर दी गई है। साथ ही एक्साइज ड्यूटी, एमजीडी से संबंधित ईडीपी के स्लैब में भी संशोधन किया गया।

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