आयुष्मान भारत योजना (मोदी केयर) के तहत हर परिवार को अधिकतम 2000 रुपए का प्रीमियम चुकाना पड़ेगा.
आयुष्मान भारत योजना (मोदी केयर)
के तहत हर परिवार को अधिकतम 2000 रुपए का प्रीमियम चुकाना पड़ेगा. 2 हजार
रुपए में 10 करोड़ परिवारों यानी लगभग 50 करोड़ लोगों को 5 लाख रुपए सालाना
का हेल्थ इंश्योरेंस मिलेगा. 2000 रुपए की कैपिंग का मतलब है कि
प्रीमियम के रूप में अगर आप इससे कम पैसे देते हैं तो आपको 5 लाख रुपए के
मेडिक्लेम की जगह उससे कम का मेडिक्लेम मिलेगा. सरकार के साथ मेडिक्लेम
के क्रियान्वयन से जुड़े एक सीनियर इंश्योरेंस अधिकारी ने मनीकंट्रोल को
ये जानकारी दी.
हालांकि सामान्य इंश्योरेंस
पॉलिसी की कॉस्ट 3500 और 5000 रुपए के बीच आएगी, जबकि इसमें वर्तमान
बीमारियां शामिल नहीं होती हैं. ऐसे में सरकार इस प्रीमियम को आम लोगों की
पहुंच में लाने के लिए सब्सिडाइज्ड कर रही है, यानी बाकी रकम सरकार अपने
पास से चुकाएगी. इस स्कीम पर जो पैसे खर्च होंगे, उनमें केंद्र और
राज्यों का हिस्सा क्रमश: 60 फीसदी और 40 फीसदी होगा.
इस बीच सरकार ने इस मामले में एक
और बड़ा कदम उठाया है. इस योजना के तहत 100 से अधिक बीमारियां कवर हो सकती
हैं. सूत्रों से मिली जानकारियों के मुताबिक, सरकार उन 70 प्रिवेंटिव
डिजीज और लगभग 30 टर्मिनल डिजीज की एक लिस्ट फाइनल कर रही है, जो इस
स्कीम के दायरे में आएंगी. इस तरह इसके दायरे में करीब-करीब वे सभी
बीमारियां आ जाएंगी, जिनसे सामान्य तौर पर आम लोग जूझते हैं. योजना के तहत
हर परिवार को सालाना 5 लाख रुपए का हेल्थ इंश्योरेंस कवर मिलेगा.
सूत्रों के अनुसार, केंद्रीय
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय तुलनात्मक रूप से अधिक गंभीर
बीमारियों के इलाज पर होने वाले खर्च की सीमा भी तय करने पर विचार कर रहा
है. केंद्र सरकार के एक अधिकारी ने बताया कि बड़ी बीमारियों के इलाज में
होने वाले खर्च की एक सीमा सरकार तय करेगी, ताकि आम लोगों की परेशानी कम
हो.
उदाहरण के लिए अगर किसी को हार्ट
में स्टेंट की जरूरत है तो सामान्य तौर पर अस्पताल लाखों रुपए चार्ज
करते हैं. अब अस्पताल इस तरह की मनमर्जी नहीं कर पाएंगे, क्योंकि इस तरह
की खर्चीली बीमारियों के इलाज की अब सीमा तय होगी.
No comments:
Post a Comment