उत्तरकाशी के डुंडा क्षेत्र में जहां नर्सिग कॉलेज चलाए
जाने का दावा किया जा रहा है, वहां मौके पर न कॉलेज है और न ही छात्र। संचालक फरार
हैं और उन्होंने समूचे इलाके से कालेज के बोर्ड आदि भी गायब कर दिए हैं।
इससे पहले
डीएम ने जांच के लिए सीएमओ सहित यूएनसी (उत्तराखंड नर्सिग कांउसिल)की एक टीम गठित
की थी। टीम को भी वहां कोई नहीं मिला। जाहिर है कि टीम के जाने से पहले किसी ने
जालसाजों को खबर कर दी।
देहरादून/उत्तरकाशी -राज्य सरकार ने उत्तरकाशी में
जीएनएम और एएनएम के तीन फर्जी कॉलेजों के खुलासे के बाद चिकित्सा शिक्षा निदेशक से
रिपोर्ट मांग ली है। उधर, उत्तरकाशी के डीएम इंदुधर बौड़ाई ने ‘हिन्दुस्तान’ में
खबर छपने के बाद गुरुवार को सीएमओ को इसकी दोबारा जांच के आदेश दिए। ये कॉलेज बड़ी तादाद में छात्र-छात्रओं से मोटी रकम
वसूलकर डिप्लोमा बांट चुके हैं। इनमें से कई की सरकारी और गैर सरकारी अस्पतालों में
नौकरियां लगने की संभावना है।गुरुवार को चिकित्सा शिक्षा विभाग के सचिव आरके
सुधांशु ने इस फर्जीवाड़े पर प्रभारी निदेशक पीसी खरे से रिपोर्ट तलब की। उन्होंने
बताया कि उत्तराखंड नर्सिग काउंसिल से इन कॉलेजों की संबद्धता नहीं है। उधर, डीएम
उत्तरकाशी इंदुधर बौड़ाई ने बताया कि इन कॉलेजों के संचालक फरार हो चुके हैं।
कॉलेजों में किसी तरह का रिकार्ड उपलब्ध नहीं है। सिर्फ एक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी
मिला है, जिसे कोई खास जानकारी नहीं है।
अखबार के माध्यम से यह प्रकरण जानकारी में आया है। निदेशक
चिकित्सा शिक्षा से जल्द रिपोर्ट मांगी गई है। इसके मिलने के बाद आरोपियों के खिलाफ
कार्रवाई की जाएगी।आरके सुधांशुसचिव (चिकित्सा शिक्षा)
उत्तरकाशी के सीएमओ को विस्तृत जांच सौंप दी है। व्यापम से
भी इस गिरोह के तार जुड़े होने की आशंका है। नर्सिग काउंसिल ऑफ इंडिया भी उक्त
कालेजों को फर्जी करार दे चुकी है।इंदुधर बौड़ाई, जिलाधिकारी (उत्तरकाशी)
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