हल्द्वानी। लंबी प्रतीक्षा के बाद आखिरकार उत्तराखंड अध्यापक पात्रता परीक्षा (यूटीईटी) की तारीख तय हो गई है।
अब यह परीक्षा आठ सितंबर को होगी। इसका शासनादेश जारी होने के बाद उत्तराखंड विद्यालयी शिक्षा परिषद ने तैयारी शुरू कर दी है। परीक्षा की तैयारी के लिए मात्र 11 दिन मिलने से परीक्षार्थी टेंशन में हैं। शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) ने शिक्षकों की भर्ती के मानक बदले हैं। प्राथमिक, जूनियर स्तरीय कक्षाओं में पढ़ाने के लिए बीटीसी के स्थान पर डीएलएड कोर्स बनाया गया है, जबकि निजी, सरकारी सभी स्कूलों की आठवीं कक्षा तक पढ़ाने के लिए टीईटी की अनिवार्यता है। यह परीक्षा प्रतिवर्ष कम से कम एक बार होनी चाहिए, लेकिन 27 अगस्त 2011 के बाद दूसरी परीक्षा अब आठ सितंबर को हो रही है। इससे पूर्व 24 फरवरी को यह परीक्षा प्रस्तावित थी फिर सात जुलाई की तिथि दी गई, जिस पर को भी नहीं हो सकी थी। अब तीसरी तिथि आठ सितंबर घोषित होने के बावजूद न तो बोर्ड के स्तर से आवश्यक तैयारी है और न ही सभी आवेदकों को प्रवेश पत्र मिल सके हैं।
अब यह परीक्षा आठ सितंबर को होगी। इसका शासनादेश जारी होने के बाद उत्तराखंड विद्यालयी शिक्षा परिषद ने तैयारी शुरू कर दी है। परीक्षा की तैयारी के लिए मात्र 11 दिन मिलने से परीक्षार्थी टेंशन में हैं। शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) ने शिक्षकों की भर्ती के मानक बदले हैं। प्राथमिक, जूनियर स्तरीय कक्षाओं में पढ़ाने के लिए बीटीसी के स्थान पर डीएलएड कोर्स बनाया गया है, जबकि निजी, सरकारी सभी स्कूलों की आठवीं कक्षा तक पढ़ाने के लिए टीईटी की अनिवार्यता है। यह परीक्षा प्रतिवर्ष कम से कम एक बार होनी चाहिए, लेकिन 27 अगस्त 2011 के बाद दूसरी परीक्षा अब आठ सितंबर को हो रही है। इससे पूर्व 24 फरवरी को यह परीक्षा प्रस्तावित थी फिर सात जुलाई की तिथि दी गई, जिस पर को भी नहीं हो सकी थी। अब तीसरी तिथि आठ सितंबर घोषित होने के बावजूद न तो बोर्ड के स्तर से आवश्यक तैयारी है और न ही सभी आवेदकों को प्रवेश पत्र मिल सके हैं।
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